डा. महंत ने आगे कहा कि मोदी के नफरत भरे भाषणों से, देश की समस्याओं को नजरअंदाज करके बारबार विदेशों में जाकर किये जा रहे मोदी के बड़बोलेपन से, काला धन वापस लाने के वादे को पूरा करने के बजाय विजय माल्या, ललित मोदी के पैसा लेकर विदेश भाग जाने देने से, नारी सुरक्षा के खतरे में होने से, छत्तीसगढ़ के किसानों को 300 रूपये बोनस देने पर रोक लगाने से, पूरे छत्तीसगढ़ और बस्तर में चल रहे पुलिसिया आतंक से, युवाओं से रोजगार के मामले में की गई राष्ट्रीय स्तर पर और आउटसोर्सिंग लागू करने छत्तीसगढ़ में की गयी वादा खिलाफी से, गंगा को साफ करने के संकल्प को भी चुनावी जुमला बना देने से भाजपा के जहाज में कितने छेद हो गये हैं राजनाथ सिंह इसका आकलन करें और इस पर ही बोलें तो बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि बस्तर में भाजपा के निर्वाचित नगरीय निकाय प्रमुख द्वारा आम गरीब बस्तरिया की वनोपज की टोकनी पर लात मारने से, जाने-माने आदिवासी नेता सोहन पोटाई के भाजपा छोड़ने से, नंदकुमार साय को पहले मुख्यमंत्री नहीं बनने देने से और बाद में राज्यसभा सदस्य न बनने देने से, अनुसूचित जाति के संवैधानिक अधिकारों में कटौती से, छत्तीसगढ़ में खरीद-फरोख्त की राजनीति लगातार करने से, अंतागढ़ से, नान घोटाले से, नसबंदी कांड से, धान घोटाले से, खदान घोटोले से, जीरो टालरेंस के नाम पर संगठित भ्रष्टाचार को राष्ट्रीय स्तर पर और छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ावा देने से, भाजपा के जहाज में जो छेद हुए हैं राजनाथ सिंह उनकी चिंता करे।