रायपुर–गृह विभाग के अनुदानों की मांग पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने मेरे भाषण को सदन में गलत रूप से प्रस्तुत किया है। नेता प्रतिपक्ष का वक्तव्य विधानसभा नियम 251 (2), 252 का उल्लंघन है।दोषारोपण के परिपेक्ष्य में मैने सदन को अपना मत बताने तथा अपने भाषण के रिकार्डेड अंश को पढ़ने विधानसभा के नियम 255 के तहत अध्यक्ष विधानसभा से अनुमति मांगी है।
अंतागढ़ पर मैंने जो सदन में वक्तव्य दिया उस वक्तव्य के एक अंश को “धमकी” “चमकी” और पता नहीं क्या क्या बताया गया। इस सन्दर्भ में मैं अपने वक्तव्य की वो लाइन फिर से उल्लेखित करना चाहूंगा जिसेसमझ के अभाव में या मुझे नेगेटिव प्रस्तुत करने की जल्दबाजी में ठीक से पढ़ा नहीं गया या पढ़ कर भी जानबूझ कर गलत प्रस्तुत किया गया। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मरवाही विधायक अमित जोगी ने यह जानकारी दी है।
अमित जोगी ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि विधानसभा सचिवालय ने कार्यवाही के दौरान मेरे रिकार्डेड भाषण का वो अंश जिसको गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया : “अब अगर हमे किसी ने फंसाने की कोशिश की तो छत्तीसगढ़ की जनता का जो हमको आशीर्वाद मिला है, जो प्यार मिला है वो साजिशकर्ताओं का राजनितिक अस्तित्व मिटा देगा”। यह सरासर गलत है।
अमित जोगी के अनुसार मैंने न तो नेता प्रतिपक्ष का और न ही किसी और नेता का नाम लिया है। और ना ही उन्हें मिटाने की बात कही है। मैने केवल इतना कहा कि जो मेरे परिवार के खिलाफ साजिशकर्ता हैं उनका राजनितिक अस्तित्व मैं अथवा मेरा परिवार नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता का हमें मिला प्यार और आशीर्वाद मिटा देगा। इसमें किसी को “घोर आपत्ति” कैसे हो सकती है, ये समझ से परे है।
अजीत जोगी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जानकार आश्चर्य हुआ कि इस बात पर भी क्यों बवाल खड़ा किया जा रहा है। वो तो अच्छा है कि मैने ये बात सदन में कही गयी जहाँ की कार्यवाही रिकॉर्ड होती है। नहीं तो जिन्होंने हमारी फ़र्ज़ी सीडी बनवाई है, वो साजिशकर्ता तो कल के मेरे वक्तव्य की एक सीडी बनाके उसमे ये जोड़ देते कि मैंने उनका अस्तित्व मिटाने जान से मारने की धमकी दी है।
अमित जोगी के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष के अनुमति की प्रतीक्षा कर रहा हूँ। मैंने सदन के अंदर अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए अनुमति मांगी है। जिस दिन के लिए मुझे अनुमति दी जाती है, उस दिन मैं इस संबंध में अपना विस्तृत मत सदन के सामने रखूँगा।
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