बिलासपुर—पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य शासन को आदेश दिया है कि 31 मई 2017 तक जोगी की जाति की छानबीन कर हाईपावर कमेटी में रखें। भाजपा के पूर्व सांसद नंदकुमार साय ने पिछले साल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर 2011 को एक आदेश में राज्य शासन को निर्देश दिया था कि जोगी की जाति की छानबीन कर रही हाईपावर कमेटी के निर्णय के तहत कार्रवाई करे।
आदेश के बावजूद ना तो हाईपावर कमेटी ने कोई निर्णय दिया। ना ही राज्य शासन ने किसी प्रकार की कार्रवाई या छानबीन ही की। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। अजीत जोगी के वकील डाक्टर निर्मल शुक्ला ने कहा कि खुद अजीत जोगी चाहते हैं कि उनके सोशल स्टेटस सर्टिफिकेट का जल्दी से जल्दी फैसला हो। शासन और हाईपावर कमेटी मामले को जानबूझकर लंबित रखे हुए है। शासन की तरफ से एडवोकेट जनरल जेएस गिल्डा ने कहा कि 31 मई 2017 तक हाईपावर कमेटी अपना निर्णय दे देगी।
सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच ने 31 मई 2017 तक रिपोर्ट शासन और कोर्ट में सौंपे जाने का आदेश दिया। मामले के डिस्पोज ऑफ के बाद अब अजीत जोगी और अमित जोगी के जाति को लेकर लगी दूसरी तीन याचिकाओं में भी निर्णय की स्थिति बनेगी। सभी याचिका 2003 में नंदकुमार साय ने लगायी थी। इसमें 2014 में भाजपा की मरवाही प्रत्याशी समीरा पैकरा ने अमित जोगी के खिलाफ लगाई गई चुनाव याचिका और पिछले साल संत कुमार नेताम ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर याचिका लगायी है। तीनों याचिका में अजीत जोगी की जाति का ही मामला है।