मनरेगा से बनेगें आंगनबाडी केन्द्र-बोरा

Join WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

mahila bal vikash sachiv dwara vibhagiya samikcha baithak (1)बिलासपुर—-महतारी जतन और मुख्यमंत्री अमृत योजना सामाजिक सुरक्षा कवच है। बेहतर क्रियान्वयन से मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी लाई जा सकती है। विकसित राज्य के लिए योजना को शतप्रतिशत सफल बनाने के लिए सबकों मेहनत करना होगा। महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने आज बिलासपुर के देवकीनंदन दीक्षित सभाभवन में महिला बाल विकास विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक में कही।

                        महिला बाल विकास सचिव बोरा ने महतारी जतन योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक गर्भवती माताओं का नाम आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज करना ही है। घर तक कैसे पहुंंचना है इसकी जिम्मेदारी महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की है। यह कुपोषण दूर करने का कार्यक्रम है।

                             बोरा ने अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री अमृत योजना के जरिए मिलने वाले दुग्ध पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है। दूध लेते समय पैकेट के बैच नंबर अनिवार्य रूप से नोट करें। दुग्ध का उपयोग करने के बाद खाली पैकेट को सुरक्षित रखें। भविष्य में उसके उपयोग पर विचार किया जा रहा है।

                    बोरा ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंतरिक विद्युतीकरण स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। बाहरी विद्युतीकरण के लिए शासन स्तर से स्वीकृत होगा। उन्होने कहा कि मार्च 2017 तक कोई भी आंगनबाड़ी केन्द्र भवनविहीन नहीं रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा से आंगनबाड़ी केन्द्र बनाए जाने को कहा। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण के लिए भी निर्देश दिया।

               महिला बाल विकास सचिव ने सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसानों के कन्या विवाह के संबंध में कहा कि पात्रता रखने वालों को सहयोग दिेया जाएगा। तीनों जिलों को आवश्यक बजट उपलब्ध कराने की बात कही। बोरा ने नोनी सुरक्षा, सुकन्या समृद्धि योजना के संबंध में भी विस्तार से समीक्षा की। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पौधरोपण, स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण के कार्यों के संबंध में भी जानकारी ली।

तीन वर्षों में पांच जिले और एक नये नगर निगम की सौगात,कॉलेज और अस्पताल के नये भवन की घोषणा
READ

                              बोरा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्यालयों एवं अनुदान प्राप्त संस्थाओं में दिव्यांगों, महिलाओं एवं बुजुर्गों के लिए अनुकूल बनाएं। महिलाओं एवं बच्चों के कुपोषण की लड़ाई में सभी लोग शामिल हों। गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को दिये जाने वाले रेडी टू ईट में परिवर्तन करने जा रहे हैं। बोरा ने सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की भी बात कही।