बिलासपुर—हाईकोर्ट स्थित महाधिवक्ता कार्यालय में विधि अधिकारियों की आज महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में सरकारी वकीलों को मिलने वाले वेतन में किसी तरह का बदालव नहीं किया गया है। लेकिन लंबे समय से उनके वेतन वृद्धि की मांग के मद्देनजर पैरवीवार अतिरिक्त फीस देने के प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित जरूर कर दिया गया है।
प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए शासन के समक्ष भेज दिया गया है। बैठक में महाधिवक्ता के वेतन कटौती का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में महाधिवक्ता 86 हजार प्रतिमाह तनख्वाह पाते हैं। नये प्रस्ताव के अनुसार 75 हजार रूपये प्रतिमाह महाधिवक्ता तनख्वाह पाएंगे। लेकिन महाधिवक्ता को वेतन के अलावा मामलों की पैरवी के लिए कोर्ट के सामने उपस्थित होने पर प्रतिदिन 5 हजार रूपया बतौर फीस दिया जाएगा।
यदि इस प्रस्ताव पर शासन अपना मुहर लगा देता है तो पैरवीवार फीस के रूप में मिलने वाली राशि पाकर शासकीय अधिवक्ताओं की चांदी हो जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने पर शासन को प्रतिवर्ष 5 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व बोझ बढ़ जाएगा।