माओवादियों से मुख्यधारा में आने का आह्वान

रायपुर । केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने माओवादियों से राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल होने का आव्हान करते हुए कहा है कि उन्हें गांव, गरीब और किसानों तथा युवाओं की भलाई के साथ जनता के विकास के लिए काम कर रही छत्तीसगढ़ सरकार का विरोध छोड़ देना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि भोलेभाले युवाओं को गुमराह करना छोड़कर इन माओवादियों को बस्तर अंचल के दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे जिलों में नई पीढ़ी के निर्माण के लिए चल रही एजुकेशन सिटी और आजीविका (लाइवलीहुड) प्रशिक्षण कॉलेज जैसी परियोजनाओं को देखना चाहिए। इससे उनकी मानसिकता निश्चित रूप से बदल जाएगी।
केन्द्रीय गृह मंत्री रविवार को छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर के जिला मुख्यालय सुकमा में आयोजित जनसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा – मुझे इस बात की खुशी है कि सुकमा जिले में आने वाला मैं देश का पहला गृहमंत्री हूं। भविष्य में भी आपके बीच आता रहूँगा। जिला मुख्यालय सुकमा और जिले के अन्य इलाकों में शिक्षा, रोजगार प्रशिक्षण और अधोसंरचना विकास के हो रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यहां की तरक्की को देखकर मैं आश्चर्य चकित रह गया हॅू। श्री सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ कुछ वर्ष पहले तक अत्यधिक पिछड़ा प्रदेश माना जाता था, लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में विगत लगभग बारह वर्षों में समाज के सभी वर्गों की बेहतरी के लिए हो रहे कार्यों के फलस्वरूप अब यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके बावजूद राज्य और जनता की तरक्की और खुशहाली के लिए प्रयत्नशील सरकार का विरोध माओवादियों द्वारा क्यों किया जा रहा है, यह समझ से परे है। केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने सुकमा को जिले का दर्जा दिया है। जिला बनने के बाद यहां के विकास में और भी तेजी आयी है।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने सुकमा में बन रही ज्ञान की नगरी (एजुकेशन सिटी) में लगभग नौ एकड़ के रकबे में तीन करोड़ दो लाख रूपए की लागत से निर्माणाधीन मॉडल स्कूल को भी देखा और आजीविका (लाइवलीहुड) प्रशिक्षण कॉलेज में जाकर युवाओं से मुलाकात की। केन्द्रीय गृहमंत्री ने इस आदिवासी बहुल जिले की जनता के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए चल रही योजनाओं और जिले की प्रगति को देखकर आश्चर्य मिश्रित प्रसन्नता व्यक्त की।
आम सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि सुकमा जिले में शांति और समृद्धि होगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बनने के बाद हमने विकास कार्यों को दूर-दराज इलाकों तक पहंुचाने के लिए नये जिलों का निर्माण किया। कभी सुकमा ग्राम पंचायत हुआ करता था, अब यह जिला मुख्यालय है और यहां विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बस्तर और अन्य सभी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में तेन्दूपत्ता के साथ-साथ इमली, चिरौंजी जैसी लघु वनोपजों की खरीदी भी सहकारी समितियों के जरिये करने का निर्णय लिया है, ताकि उन्हें इनका वाजिब मूल्य मिल सके।