मुंगेली(आकाश दत्त मिश्रा)।पूरे भारत की शासकीय सेवाओ में पुलिस ही एकमात्र ऐसी सर्विस है जिसमे कोई वीक ऑफ या ओवरटाइम जैसी सुविधा नही दिखती ,इसके बावजूद पुलिस विभाग् को पूरे देश में शांति और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए 24 घण्टे सजग रहना होता है। इसमें कोई दोमत नही कि कुछ अपने परिवार से दूर होकर और कुछ अपने परिवार के साथ रहते हुए भी अपनी दिनचर्या में से 10% भी समय अपने परिवार को नही दे पाते , कागजी लिखापढ़ी मौके पर जांच , रातभर की गश्त, न्यायालय की औपचारिकताएं , और मर्ग, पंचनामा जैसे कामो में दिन रात कार्य करते हुए ज्यादातर पुलिस कर्मी मानसिक तनाव के शिकार भी होते है, जिस वजह से इसका सीधा असर उनके स्वभाव में झलकने लगता है।
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जैसा कि कहा जाता है कि “हर चीज़ की शुरुआत मष्तिष्क से होती है” तो यही से शुरू होता है एक जवान के बीमार होने का रास्ता,, इसी क्रम को तोड़ने , और पुलिस विभाग् को तनाव मुक्त रहते हुए कार्य करने के तरीके से अवगत कराने के उद्देश्य से मुंगेली एसपी निथुकमल द्वारा विशेषज्ञ बुलवाए गए और एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें फील्ड पर कार्य करने वालो और दफ्तरों के कार्यभार को सम्हलाने वाले पुलिस कर्मियों को तनाव मुक्त रहकर कार्य करने के तरीको से अवगत कराया गया।
प्रशिक्षकों ने बताया कि आप अपने काम काज के बीच किंस तरह स्ट्रेस से मुक्ति पा सकते है , मेंटली प्रेशर से बचते हुए अपनी ड्यूटी करने के तरीके से सीधा संबंध पुलिस कर्मी के स्वास्थ्य और जीवन से है इस लिहाज से ये काबिले तारीफ है। इसके पूर्व मुंगेली पुलिस अधीक्षक निथुकमल के प्रयास पुलिस कर्मियों की फिटनेस को ध्यान में रखते हुए जिम के लिए तैयारियां शुरू कर दी गयी है साथ ही सायबर से सम्बंधित नयी जानकारियों से अपग्रेड करने भी कार्यशाला का आयोजन किया गया । यदि गौर किया जाए तो मुंगेली पुलिस अधीक्षक के द्वारा अपने विभाग् का स्तर पर पूरा ध्यान रखा जा रहा है जिनमे से तनावमुक्त होकर कार्य करने के प्रशिक्षण के लिए लगाई गई कार्यशाला इन्ही प्रयासों में से एक है।
पुलिसिया कामकाज के बीच तनाव ना हो ये असम्भव है, लेकिन इसे दूर कर अपनी जिम्मेदारी पूर्वक अपनी ड्यूटी करना अपने आप मे एक बड़ी कला है।जो की अब मुंगेली पुलिस सीख रही है।