जोगी ने कहा कि इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं अति महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार ने जीवीके ईएमआरआई को कॉन्ट्रैक्ट पर दे दिया है। शासन और जीवीके ईएमआरआई के बीच जो अनुबंध हुए उसमें सर्विस कंडीशन 8 घंटे काम का था। लेकिन जीवीके ने साल दर साल 12-12 घंटे का काम लिया। अनुबंध के मुताबिक कर्मचारियों को ओवरटाइम भत्ता पिछले 5 वर्षों से नहीं दिया गया है।
सरकार ने मेहनतकश मजदूरों के मुंह से निवाला छीनकर जीविके को दिया है।108 और 102 कर्मचारी कल्याण संघ में लगभग 4500 कर्मचारी है। 5 साल का ओवरटाइम भत्ता लगभग 194 करोड़ होता है। कंपनी ने उसे भी हड़प लिया है।
अमित जोगी ने कहा कि स्थानीय कर्मचारियों को हटाकर जीवीके कंपनी ने बाहरी लोगों को रखने का निर्णय लिया है। प्रदेश के युवाओं का हक मार कर बाहरी लोगों की भर्ती मेरे लाश पर ही होगी। अमित जोगी ने बन्द आपात सेवा के कारण हो रही मौतों के लिए सरकार को दोषी ठहराया है।
धरना स्थल में बैठे जीवीके कर्मचारियों की लड़ाई को हक की लड़ाई करार देते हुए जोगी ने कहा की जीवीके कंपनी ने श्रम कानून का उल्लंघन किया है। लेकिन अब नहीं करने देंगे।
अमित जोगी ने कहा कि आपात स्वास्थ्य सुविधा देने का काम सरकार का है। ठेकेदारों को नहीं। इस लापरवाही में कांग्रेस के नेता भी बराबर के भागीदार हैं। लेकिन उन्हें मिठाई बांटने से फुरसत ही नहीं है।