मौजूदा जीएसटी बिल से बढ़ेगी महंगाई…अमित

BHASKAR MISHRA
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AMIT JOGI--BITE--EXCLUSIVEरायपुर…जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक कल यानि 22 अगस्त को  छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश किया जाएगा। मरवाही विधायक अमित जोगी ने सैद्धान्तिक रूप से एकल टैक्स प्रणाली का समर्थन किया है। जोगी ने जीएसटी के ड्राफ्ट में कई ऐसी खामियों को गिनाते हुए कहा कि लघु उद्योग, छोटे व्यापार और जीएसटी आम जनता के हित में नहीं है।

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         जोगी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जीएसटी पर विधानसभा में चर्चा हो ताकि सदस्यों के संशयों का समाधान किया जा सके। छत्तीसगढ़ में लगभग 20 हज़ार कुटीर लघु और मध्यम उद्यम हैं । जिनका सालाना डेढ़ करोड़ टर्नओवर है। उन्हें एक्साइज ड्यूटी से मिली है। जीएसटी लागू होने से उन्हें भी कर देना होगा। छोटे उद्योगों के उत्पाद का मूल्य ब्रांडेड उत्पादों के बराबर हो जाएगा। छोटी कंपनियों के प्रोडक्ट महँगे हो जाएंगे।  जोगी ने कहा कि लघु उद्योग छत्तीसगढ़ की रीड की हड्डी हैं। सरकार सुनिश्चित करे कि जीएसटी से उनका नुक्सान न हो।

जोगी ने कहा कि मोबाइल बिल, हॉटल में खाना.पीना, क्रेडिट कार्ड पर खरीदारी से लेकर हवाई सफर आज की तारीख मे गिने चुने सेवाओं को छोड़कर सभी पर सर्विस टैक्स लगता है। अभी यह तय नहीं हुआ है किस सामान के लिए जीएसटी की दर क्या होगी। एक बात तो तय है कि सर्विस टैक्स बढ़ेगा। जोगी ने कहा कि इस बारे में संकेत मुख्य आर्थिक सलाहकार अऱविंद सुब्रमण्यिन की रिपोर्ट से ही मिल गए थे।

                    यदि समिति की सिफारिशें पूरी तरह से मान ली जाए तो सर्विस टैक्स की दर 17 से 18 फीसदी के बीच हो सकती है। जोगी ने कई बिन्दुओं पर बहस की मांग की है। उन्होने कहा कि सेवा कर में छूट की सीमा 10 लाख की जगह 50 लाख तक की जानी चाहिए। 80 फीसदी से ज्यादा सामान पर 1 से 8 फीसदी टैक्स है लेकिन जीएसटी के  बाद टैक्स 18 फीसदी से ज्यादा होगा। महंगाई बढ़ेगी। जीएसटी में एमआरपी पर टैक्स लगेगा। अभी कई सामान एमआरपी से आधे दाम पर बिकते हैं। आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा । जीएसटी से उन्हीं देशों में विकास हो रहा है जहां टैक्स 16 फीसदी से कम है। लेकिन भारत में 18 से 20 फीसदी तक टैक्स देने की बात हो रही है ।

             अमित जोगी ने कहा है कि विसंगतियों को दूर कर सरकार को गुड्स एंड सर्विस टैक्स को गुड एंड सिंपल टैक्स बनाना चाहिए। आम जनता और लघु उद्योगपतियों में जीएसटी को लेकर पारदर्शिता दिखे।  देश में करों को लेकर एक सकारात्मक माहौल बने।

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