बिलासपुर— थाने में घुसकर मारपीट घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने रातों रात तखतपुर थाना प्रभारी बदल दिया गया है। पुराने थानेदार की जगह किरण राजपूत को तखतपुर थाना का प्रभार दिया गया है। जनता कांग्रेस जे के नेताओं नेबताया कि हाईप्रोफाइल मामले में जितनी तेजी पुलिस महकमें ने दिखाई है काबिल ए तारीफ है। काश इतनी तेजी अन्य सामान्य आदमियों के साथ हुए घटनाक्रम के बाद किया जाता तो शायद पुलिस की छवि बेहतर होती।
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जानकारी के अनुसार गुरुवार की रात तखतपुर थाना प्रभारी वाय एन शर्मा ने शराब के साथ हांटल मे हंगामा करते दो लोगों को देर रात पकड़ा। दोनों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर थाने में बैठा दिया। कुछ देर बाद दोनों को छुड़ाने के लिए तखतपुर विधायक पुत्र का थानेदार को फोन आया। थानेदार ने बताया कि गश्त पर हूं। थाने दार ने कहा कि जांच के बाद दोनों को छोड़ा जाएगा।
थानेदार के जवाब की जनाकरी मिलते ही तखतपुर विधायक राजू सिंह क्षत्री भड़क गए। फोन पर ही थानेदार से गाली गलौच करने लगे। जनता कांग्रेस नेता मणिशंकर ने बताया कि जानकारी यह भी मिली कि विधायक ने थानेदार से फोन पर लायसेंसी बंदूक से जांन से मारने की धमकी भी दी। जब धमकी से मन नहीं माना तो तखतपुर विधायक तत्काल थाने को रूख किया। पेट्रोलिंग मे होने के कारण थानदार थाने में नही मिले। नाराज विधायक ने अपना गुस्सा थानेदार के मकान पर खड़े वाहनों पर निकाला।
मणिशंकर ने बताया कि घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही भाजपा की सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक से भी तेज उच्च अधिकारियों से बात कर थाना में पदस्थ थाना प्रभारी वाय एन शर्मा को रातों-रात बदल दिया गया। तड़के सुबह 6 बजे किरण राजपूत को थाना प्रभारी नियुक्त कर दिया गया। मामले में उच्च अधिकारियों ने जो तत्परता दिखाई इससे पहले आज तक किसी मामले मे इस तरह की ततपरता नहीं देखन को मिली है। सवाल उठता है कि यदि इस प्रकार की घटना कोई आम आदमी किया होता तो क्या पुलिस प्रशासन यही कार्यवाही करती।