नईदिल्ली।राफेल मामाले में जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की मांग को लेकर यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं. शनिवार को जेपीसी की मांग करते हुए यूथ कांग्रेस ने इंडिया गेट तक मार्च किया. इससे पहले केंद्र ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर कर राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर शीर्ष न्यायालय के फैसले में उस पैराग्राफ में संशोधन की मांग की है जिसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (PAC) के बारे में संदर्भ है.(cgwall.com के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे)
एक विधि अधिकारी ने बताया कि अदालत को अवगत कराने के लिए याचिका दायर की गयी है कि CAG और PAC से जुड़े मुहरबंद दस्तावेज के मुद्दे पर अलग-अलग व्याख्या की जा रही है.
IYC Press Update:
The Indian Youth Congress is going to organise a candle march from Youth Congress office to India Gate through Janpath Road demanding a JPC enquiry in the Rafale deal scam.
Time: 6:00 pm
Date: 15.12.2018 (Today)
Venue: IYC office, 5 Raisina Road.@IYC— Amrish Ranjan Pandey (@pandey_amrish) December 15, 2018
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा था कि CAG के साथ कीमत के ब्यौरे को साझा किया गया और CAG की रिपोर्ट पर PAC ने गौर किया।
CAG और PAC के मुद्दे के बारे में शीर्ष अदालत के फैसले के पैराग्राफ 25 में इसका जिक्र है. फैसले में कहा गया था कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदारी में किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई.
फैसले में कहा गया कि उसके सामने रखे गए साक्ष्य से पता चलता है कि केंद्र ने राफेल लड़ाकू विमान पर मूल्य के विवरणों का संसद में खुलासा नहीं किया, लेकिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के सामने इसे उजागर किया गया.
कोर्ट ने कहा कि उसे फ्रांस से 36 विमान खरीदने के ‘संवेदनशील मुद्दे’ में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं लगता.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसे किसी ऑफसेट साथी को चुनने में भारत सरकार द्वारा किसी पक्ष के साथ ‘वाणिज्यिक पक्षपात’ को दिखाने वाली कोई ठोस सामग्री नहीं मिली.
पीठ ने कहा, ‘हम इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रक्रिया पर संदेह करने का वास्तव में कोई कारण नहीं है, और अगर कोई मामूली अंतर हो भी तो यह करार निरस्त करने या अदालत द्वारा विस्तृत जांच की जरूरत पैदा नहीं करता.’
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह राफेल लड़ाकू विमान सौदे की रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) के हर उपबंध का अनुपालन नहीं करा सकती’ अदालत ने कहा कि प्रक्रियाओं का ‘व्यापक रूप से’ पालन हुआ है’
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके सामने इस तरह की रिपोर्ट नहीं आयी थी.