रायपुर में फूटा आप नेताओं का गुस्सा..राज्यपाल और आयोग से कहा…11 संसदीय सचिवों के खिलाफ करें कार्रवाई

BHASKAR MISHRA
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IMG-20180121-WA0058रायपुर— प्रदेश आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में संसदीय सचिवों के खिलाफ उठाए गए कदम की आलोचना की ही है। आप नेताओ ने छत्तीसगढ़ में भी 11 संसदीय सचिवों को तत्काल अयोग्य किए जाने की मांग करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। रायपुर में आम आदमी पार्टी प्रदेश संयोजक संकेत ठाकुर ने राज्यपाल से सीएम इस्ताफा मांगने की गुहार लगाई है।

             
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                     दिल्ली में चुनाव आयोग और राष्ट्रपति ने जिस तत्परता से आप के 20 विधायकों अयोग्य घोषित किया है क्या उतनी तत्परता छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिलेगी। यह बातें आप के प्रदेश संयोजक संकेत ठाकुर ने रायपुर में कही। डा.संकेत ठाकुर ने सवाल किया है कि छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव बनकर लाभ लेने वाले 11विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग चुप क्यों है। क्या उन्हें भी आयोग्य किया जाएगा।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश युवा अध्यक्ष सौरभ निर्वाणी ने रायपुर स्थित अम्बेडकर चौक में प्रदर्शन के दौरान कहा कि केन्द्र सरकार दिल्ली सरकार से डर गयी है। इसलिए आनन फानन में 20विधायकों के अयोग्य घोषित किया गया। प्रदर्शन के दौरान निर्वाणी ने राज्यपाल से मांग की है कि छत्तीसगढ़ के 11 विधायकों को तुरंत अयोग्य किया जाए। राज्यपाल मुख्यमंत्री से इस्तीफा भी मांगे।

                     प्रदेश संगठन मंत्री नागेश बंछोर ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुने हुए विधायकों को अलोकतांत्रिक तरीके से हटाया गया है। प्रश्न उठता है कि क्या संविधान में छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के नियम और कानून में कोई अंतर है।
                                    छत्तीसगढ़ प्रदेश संयोजक डॉ संकेत ठाकुर ने तीखे  अंदाज़ में कहा कि दिल्ली में चुनाव आयोग और राष्ट्रपति ने जितनी तत्परता से 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किया है। क्या उसी तत्परता से छत्तीसगढ़ के 11विधायकों के खिलाफ निर्णय लिया जाएगा। जब दिल्ली के 20 विधायक अयोग्य घोषित हो सकते हैं तो छत्तीसगढ़ में 11 संसदीय सचिवों के लाभ के पद पर बने रहने का अधिकार है। ठाकुर ने कहा कि घटनाक्रम भाजपा की केंद्र सरकार का दोहरे लोकतांत्रिक मापदंड का जीता जागता नमूना है।
            आप नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 11 विधायकों को लाभ के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। संसदीय सचिव कार बंगला,गाड़ी और अन्य सुविधायें भोग रहे है। राज्यपाल और चुनाव आयोग को सारी सुविधाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना चाहिए।
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