लोहाण्डीगुड़ा कांडः केदार कश्यप को बर्खास्त करने की मांग

रायपुर ।कांग्रेस कमेटी की ओर से छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास जी टंडन को ज्ञापन सौंपकर परीक्षा कांड को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री केदार कश्यप को बर्खास्त करने की मांग की गई है। साथ ही मामले में शामिल परीक्षार्थियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की गई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य सरकार के आदिम जाति कल्याण, स्कूल शिक्षा मंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती शांति कश्यप द्वारा पं. सुंदर लाल शर्मा मुक्त वि.वि. की आयोजित एम.ए. अंतिम वर्ष (अंग्रेजी) की परीक्षा 4 अगस्त को परीक्षा केन्द्र शासकीय उच्चर माध्यमिक विद्यालय लोहाण्डीगुड़ा में फर्जी रूप से श्रीमती शांति कश्यप, पति केदार कश्यप, अनुक्रमांक-66863, नामांकन क्रमांक-डी. 66863 के स्थान पर अन्य महिला (किरण मार्य) परीक्षा देते हुए रंगे हाथ पकड़ी गयी है, जिसकी पुष्टि केन्द्राध्यक्ष द्वारा की गयी है।
पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त वि.वि. के कुलपति वंशगोपाल सिंह ने प्रकरण की गंभीरता से 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की मामले की जांच करायी है। जांच समिति द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन अनुरूप कुलपति ने शिक्षामंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती शांति कश्यप के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु पुलिस अधीक्षक जगदलपुर को पत्र लिखा है, वहीं दूसरी ओर जगदलपुर जिलाधीश को पत्र लिखकर परीक्षा केन्द्र के केन्द्राध्यक्ष व लोहाण्डीगुड़ा के सहायक समन्वयक को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुये पद से पृथक करने की अनुशंसा की है। किन्तु राज्य सरकार द्वारा आज दिवस तक इस प्रकरण पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है।
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की धर्मपत्नी श्रीमती शांति कश्यप के स्थान पर उनकी साली किरण मौर्य द्वारा परीक्षा देने की पुष्टि हुयी है, जो वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर कार्यरत है। उनके खिलाफ मंत्री केदार कश्यप के प्रभाव के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, केशलूर परीक्षा केन्द्र में समांतर प्रकरण पर अभियुक्त जुगधर उर्फ दिनेश, पिता टांगरस राम तथा आरोपी बुदरू, पिता टांगरस राम के खिलाफ परपा थाना में अपराध क्रं.-54/15 धारा-419,420 आई.पी.सी. के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कर चालान प्रस्तुत किया गया, जिस पर मुख्य न्याय.दण्डा. जगदलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक-677/15 के तहत दोनो भाईयों को आरोपी बनाया गया है,। जो वर्तमान में जेल में बंद है।
कांग्रेस के ज्ञापन में कहा गया है कि लोहाण्डीगुड़ा नकल कांड में शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त वि.वि. के कुलपति के बयानों में विरोधाभाष है। लोहाण्डीगुड़ा नकल कांड का मामला सीधे-सीधे शिक्षा मंत्री केदार कष्यप के परिवार से जुड़ा है। केदार कश्यप को जब मामला अपने ऊपर गहराते हुये दिखा तभी उन्हें यह जानकारी मिली कि उनकी पत्नी ने परीक्षा फार्म भरा ही नहीं था। कुलपति के खंडन से शिक्षा मंत्री का बयान गलत साबित हो चुका है।
शिक्षा मंत्री कष्यप को वास्तविकता जानने में तीन दिन से अधिक का समय लग गया। मंत्री ने सच्चाई और वास्तविकता सामने नहीं रखी। क्या उसी परीक्षा केन्द्र से शिक्षा मंत्री केदार कष्यप की सास और अन्य रिश्तेदार भी परीक्षा देने के लिये शामिल नहीं हुये? षड़यंत्र की सूत्रधार शिक्षा मंत्री की पत्नी शांति कश्यप की बहन किरण मौर्य के होने की बात समझ से परे है।
श्रीमती शांति कश्यप ने परीक्षा के लिये आवेदन नहीं दिया था तो उनके स्थान पर उनकी बहन किरण मौर्य परीक्षा देने पहुंची, संदेहों को जन्म देता है।
शिक्षा मंत्री की पत्नी शांति कष्यप ने एम.ए. पूर्व (अंग्रेजी) की परीक्षा पं. सुंदरलाल षर्मा मुक्त वि.वि. से उतीर्ण की थी। लोहाण्डीगुड़ा नकल मामले में राज्य सरकार की साख पूरी तरह से समाप्त हो गयी है।
कांग्रेस के ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा क्षेत्र में लगातार हो रही फर्जीवाड़े से महाविद्यालय शिक्षा के स्तर पर जबर्दस्त गिरावट आई है । प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने निवेदन किया है कि, प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी एवं स्वच्छ बनाये रखने हेतु शासन कड़ा निर्देश जारी करे, शिक्षा मंत्री केदार कश्यप को मंत्री परिषद से बर्खास्त करते हुए दोषी परीक्षार्थी व नकली परीक्षार्थी के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही करें ।