वर्कशॉप में बोले सोनमणि बोरा-जलवायु परिवर्तन मानव सभ्यता के लिए बड़ी चुनौती

Shri Mi
3 Min Read

रायपुर।राज्य शासन के जल संसाधन विभाग द्वारा केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और एक्शन ऑन क्लाइमेट टूडे के सहयोग से आज यहां ‘छत्तीसगढ़ में जलवायु अनुकूल जल प्रबंधन’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ जल संसाधन विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने किया। श्री बोरा ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और समुचित दोहन के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता के लिए जलवायु परिवर्तन बहुत बड़ा खतरा है। छत्तीसगढ़ भी जलवायु परिवर्तन से प्रभावित है।

सचिव बोरा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को देखते हुए जल संसाधन विभाग में जलवायु परिवर्तन प्रकोष्ठ गठित करने के लिए राज्य शासन के दिशा-निर्देश के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रकोष्ठ के माध्यम से समुचित जल संसाधन प्रबंधन एवं सामान्य जल आपूर्ति के लिए संस्थागत ढांचा तैयार किया जाएगा। इस प्रकोष्ठ के जरिए जलवायु अनुकूल जल संसाधन प्रबंधन की रणनीतियां बनाई जाएगी।
कार्यशाला के दौरान जलवायु परिवर्तन प्रकोष्ठ बनाने के सिलसिले में क्वाइमेट चेंज इन्नोवेशन कार्यक्रम के सहयोग से तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया।

स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के कुलपति एम.के. वर्मा ने तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की। श्री वर्मा ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अन्य विभागों में भी जलवायु अनुकूल नीतियां बनाने के लिए जलवायु परिवर्तन प्रकोष्ठ बनाने का आग्रह किया।

जल संसाधन विभाग के सचिव ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बेहतर योजनाएं बनाने पर भी जोर दिया। इस कार्यशाला में आईआईटी कानपुर, एनआईटी रायपुर, वाटर शेड ऑर्गेनाईजेशन ट्रस्ट तथा स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के तकनीकी विशेषज्ञों ने नदी घाटी प्रबंधन, राष्ट्रीय जल मिशन, जल पारिस्थिकी तंत्र, जल संसाधन प्रबंधन में समुदायिक भागीदारी तथा शहरी जल चक्र में विकेन्द्रीकरण पर प्रस्तुतिकरण दिए। सीसीआईपी के क्षेत्रीय कार्यक्रम मेनेजर डॉक्टर क्रिस्टीना रूम्बैतिस देल रियो ने देश के विभिन्न राज्यों में किए जा रहे जलवायु अनुकूल जल प्रबंधन कार्यों की जानकारी दी।

कार्यशाला में राज्य के बजट में जलवायु संवेदशीलता के अनुसार विभिन्न योजनाओं का प्राथमिकीकरण करने एवं जलवायु अनुकूल कार्य करने के लिए भी जोर दिया गया। राज्य बजट को जलवायु अनूरूप बजट के लिए बजट संकेतिकरण करने की विधि भी बताई गई। क्वाइमेट चेंज इन्नोवेशन प्रोग्राम के इंडिया कार्यक्रम मैनेजर श्रीमती विद्या सौंदराजन ने बजट संकेतिकरण विधि का महत्व बताया।

उन्होंने कहा कि बजट संकेतिकरण के जरिए छत्तीसगढ़ में जलवायु अनुरूप विभिन्न विभागीय योजनाओं का प्राथमिकीकरण करके जलवायु के नुकसान को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के अंतर्गत गठित होने वाला जलवायु परिवर्तन प्रकोष्ठ इन कार्यों को प्लानिंग स्तर तक ले जाने का कार्य करेगा। कार्यशाला में जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता एच.आर. कुटारे भी उपस्थित थे।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close