बिलासपुर—-विधायक अमित जोगी ने आज सदन में कहा है कि जब तक छत्तीसगढ़ के किसानों को सरकार बोनस नहीं दे देती, तब तक वह वेतन बृद्धि क स्वीकार नहीं करेंगे। विधायकों के वेतन वृद्धि पर अमित जोगी ने कहा कि कृषकों के हितों की लड़ाई छोड़, कुछ लोगों ने इस मुद्दे को निजी बना लिया है। उन्होंने कहा कि मेरे हस्ताक्षर वाले पत्र दो साल पुराने हैं। उस समय वे कांग्रेस पार्टी के विधायक थे। पार्टी लाइन का पालन करते हुए उन्होंने हस्ताक्षर किया था। तब प्रदेश में आकाल की स्थिति भी नहीं थी।
अमित जोगी ने कहा कि तीन साल तक वेतन वृद्धि पर काम नहीं किया। अब चूकि किसानों की वित्तीय हालत ख़राब है। सूखे ने आग में घी का काम किया है। अमित जोगी ने कहा कि अगर 2014 में अकाल और सूखा पड़ता तो भी वे मानवता के नाते विधायक वेतन वृद्धि का विरोध करते।
अमित जोगी ने बताया कि उन्होंने सरकार के निर्णय का विरोध इसलिए किया है कि राज्य में 15 साल में पहली बार केवल छह महीने पहले ही भीषण आकाल पडा है। किसानों की हालत खऱाब है। 117 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। ऐसे में विधायकों के वेतन वृद्धि का निर्णय असंवेदनशील होगा।
अमित जोगी ने बताया कि दुख और आश्चर्य की बात है कि अत्यन्त गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर सदन में चर्चा करने के बजाय मुद्दों पर तर्क वितर्क किया जा रहा है। कुछ लोगों ने इसे निजी मामला बना लिया है। सरकार के निर्णय का विरोध छोड़, मेरा विरोध का विरोध करना शुरू कर दिया है। संकुचित सोच, इतने संवेदनशील और गंभीर मुद्दो को छोड़, अमित जोगी क्या कह रहा है, उसके पास फलां कार है , उसने अपने घर में कौन सा शोपीस कहाँ रखा है। कितनी टयूबलाइट है, कितने पंखें हैं, किसानों को वो खुद क्यों नहीं दे देता..वगैरह वगैरह। करोड़पति विधायकों ने पहले तर्क दिया था कि विधायक गरीब हैं, जब मैंने उन्ही के चुनावी शपथ पत्रों से ये बात झूठी साबित की तो अब मेरे दो वर्ष पुराने हस्ताक्षर की बात आ गयी है। इसके पहले मेरी जाति प्रमुख मुद्दा था।
अमित जोगी ने कहा कि विधायकों के वेतन वृद्धि मुद्दे को जनता तक ले जाएंगे। सदन के बाद लड़ाई अब सड़क पर होगी। प्रदेश के किसानों के साथ हुए अन्याय के विरुद्ध लड़ेंगे।