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शराब बिक्री मामले को कोर्ट ने लिया संज्ञान..याचिकाकर्ता ने कहा..कमेटी का गठन अवैधानिक..हाईकोर्ट ने मांगा जवाब..13 अप्रैल को होगी सुनवाई

बिलासपुर—- हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा और न्यायमूर्ती गौतम भादुड़ी की खण्ड पीठ में पहली बार वीडियो कांफ्रेसिग से  महत्वपूर्ण मुद्दे पर सुनवाई हूई। बताते चलें कि हाईकोर्ट ने लाकडाउन के दौरान शराब दुकान खोले जाने के मामले को स्वतः संज्ञान में लिया है। इसी मामले में रायपुर की समाज सेविका ममता शर्मा ने अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से रिट याचिका प्रस्तूत की है।
 
                      ममता शर्मा के वकील रोहित शर्मा ने बताया कि रिट याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया गया कि लॉक डाउन के दौरान राज्य शासन ने  शराब दुकानों को खोलने कमेटी का गठन किया है। याचिकाकर्ता की तरफ रोहित शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत एनडीएमए यानि नेशनल डीजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी  ने लॉक डाउन घोषित किया है। केंद्रीय गृह सचिव और नेशनल एक्सीक्यटिव कमेटी पदेन चेयरपर्सन ने भी  कोरोना महामारी के मद्देनजर गाइड लाइन  जारी किया है। ऐसी सूरत में राज्य सरकार की तरफ से शराब दुकान खोले जाने को लेकर कमेटी का गठन किया जाना उचित नही है।
 
           अधिवक्ता रोहित शर्मा ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन 2005 अधिनियम की धारा 18, 24 और 38 के राज्य को आपदा प्रबन्धन से बचने के लिए नियम बनाने की छूट है। लेकिन बनाए गए नियम एनडीएमए के दिशा निर्देश के अनुसार होना बहुत जरूरी है। जाहिर सी बात है कि लॉक डाउन के दौरान शराब बेचने का अधिकार नही है।
 
       रोहित शर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार ने नोटिफिकेशन में शराब को अत्यावश्यक सेवा की श्रेणी में नहीं रखा है।  नोटिफिकेशन में  खाने की वस्तु, पेट्रोल, गैस दवाई समेत कई बातों का जिक्र है। लेकिन शराब का कहीं जिक्र नहीं किया गया है। इसलिए राज्य की तरफ से शराब की बिक्री का प्रयास किया जाना विधि विरुद्ध है। शराब दुकानो के खोले जाने से मजदूर वर्ग जो अपनी दिन की मजदूरी भी नही कमा पा रहे है। उनपर शराब सेवन की दोहरी मार पड़ेगी ।
 
                  हाई कोर्ट की डिवीज़न बेंच ने मामले मे शासन को जवाब 13 अप्रैल तक पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई भी 13 अप्रैल को ही होगी।

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