शिक्षकों की एक और तबादला सूची पर उहापोह.….. सोशल मीडिया पर चल रहा सवाल – जवाब.. .क्या नहीं होगा स्कूलों की पढ़ाई पर असर ..?

Shri Mi
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बिलासपुर।सितंबर का दूसरा बिताने को है। स्कूल शिक्षा विभाग के लिए तबादला मुसीबत बनाता जा रहा है। इस बीच स्कूल शिक्षा विभाग की प्रदेश स्तरीय कथित स्थानान्तरण सूची का  इंतज़ार 25 हजार से अधिक  तीनो शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी  कर रहे है।तबादले से जुड़ी मिल रही सूचनाओं का भी आदान प्रदान सोशल मीडिया के प्लेटफार्म में हो रहा है।ओर ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि सितंबर की 14 या 15 तारीख तक स्थानान्तरण की सूची जारी हो जायेगी।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप् ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए

वही सूत्रों की माने तो स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानान्तरण सूची बन गई है। पर इसे जारी करने में  स्थानान्तरण नीति 2019 की समय सीमा की डेड लाइन सामने आ रही है। यह समय सीमा एक बार बढ़ाई भी जा चुकी है। बाकि के विभाग में कोई दिक्कत नही आएगी पर स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षण सत्र के तीन महीने पूरे होने वाले है।और  15 दिन बाद त्यौहार शुरू हो रहे है। दुर्गा पूजा ,दशहरा दीपावली नज़दीक है। ऐसे में पढ़ाई पर विपरीत असर हो सकता है।

सोशल मीडिया में  अफवाएं चल रही है कि स्कूल शिक्षा विभाग राज्य स्तर में  के एल्बी, टी और ई  के तीनों संवर्ग के 2000 शिक्षको के स्थानान्तरण सूची जारी कर सकता है।

वही जानकारो  का कहना है कि ऐसा करने से डेढ़ लाख से अधिक स्कूली छात्र प्रभावित हो सकते है।शिक्षा विभाग के मानकों को माने तो 30 से 35 छात्रों पर एक शिक्षक की आवश्यकता होती है। ऐसे में यदि 2 हजार शिक्षको का तबादला फिर से जारी होता है।  तो डेढ़ लाख से अधिक स्कूली छात्र प्रभावित होंगे।

क्योंकि पुराने शिक्षक के जाने से ओर नए शिक्षक के आने से स्कूलो की शिक्षा व्यवस्था  में व्यवधान हो सकता है। तिमाही परीक्षा आते आते शिक्षक और छात्रों के मध्य अच्छा खासा आपसी तालमेल बन जाता है। और यही तर्क शिक्षा विभाग के रणनीतिकार सरकार के समक्ष रख रहे है।

शासन से  जारी आदेश के मुताबिक 23 अगस्त को  स्थानान्तरण की मियाद पूरी हो चुकी है।और 7  सितंबर को स्थानान्तरण के क्रियान्वयन की स्थिति वेबसाइट में अपलोड करने की तारीख भी समाप्त हो गई है।

तबादलो पर खबरों का बाजार गर्म है। कि उधर विपक्ष की रणनीति एन चुनावो में सरकार के इस ट्रांसफर पोस्टिंग मामलो को सामने लाकर घेरने की  दिखाई देती है तभी नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक हो या फिर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शिक्षा विभाग में ट्रान्सफर पोस्टिंग पर चल रहे लेनदेन पर ध्यान नही से रहे है।

यही वजह है कि स्कूल शिक्षा विभाग पिछली तारीख पर स्थानान्तरण आदेश निकलने के मूड़ में नही नज़र आ रहा है। नई तारीख पर आदेश जारी होते है तो खुद के आदेश की अवहेलना होती है ऐसे में केबिनेट के आगामी बैठक में इस पर कोई निर्णय लिया जा  सकता है।

कई सालो बाद आई  प्रदेश के शिक्षको की सबसे माँग सरल स्थानांतरण नीति को राज्य सरकार ने अमल में लाया यह एक अच्छा और ठोस कदम है। इससे शिक्षको को अपने गृह ग्राम जाने का एक अवसर मिला है।

सैकड़ो शिक्षक घर की ओर जा भी चुके है बाकि तीसरी सूची का इंतज़ार कर रहे। अब यह प्रक्रिया निरंतर चलने वाली भी जान पड़ती है। बरहाल शिक्षको के तबादले के आवेदन पर न्याय मिलेगा या दर्द यह तो।इससे पीड़ित ही समझ सकता है।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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