शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की वेतन विसंगति कैसे होगी दूर..? फेडरेशन ने सरकार को दिलाई जनघोषणा पत्र की याद

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन कें प्रान्तीय संयोजक इदरीश ख़ान ने राज्य सरकार को वादे कें मुताबिक सहायक शिक्षक एल बी के चार सूत्रीय मांग को अनुपूरक बजट में शामिल करतें हुए क्रमोन्नति वेतन कीं मांग , वेतन विसंगतियों को दूर करनें कीं मांग कीं है जो कीं सरकार कें जन घोषणा पत्र में क्रमोन्नति दिये जाने का उल्लेख किया है सरकार कें परिवर्तन में लाखो सहायक शिक्षको कीं अहम भूमिका रही है । घोषणा पत्र समिति कें अध्यक्ष व पंचायत मंत्री टी .एस सिह देव जीं ने बयान भी दिया है इस अहम मुद्दे पर कार्यवाही प्रारम्भ किया जाये ।नियुक्ति से लेकर वर्षों से एक ही पद पर अपनी सेवाएं दे रहे बहु संख्यक शिक्षाकर्मियों के वेतन विसंगति की समस्या का हल संविलियन के बाद भी नही निकल पाया है। सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

             
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जो आज भी जस का तस बरकरार है क्योंकि वेतन विसंगति का बीजारोपण 01 मई 2013 से दिए गए पुनरीक्षित वेतनमान में ही बोया जा चुका था, जिसमें शिक्षाकर्मी वर्ग 01 एवं 02 को 9300-34800 वेतनमान के साथ में 4300 व 4200 ग्रेड पे दिया गया जबकि वर्ग 03 को 5200-20200 वेतनमान के साथ में 2400 ग्रेड पे का निर्धारण किया गया था।

जिससे संविलियन के बाद भी सातवें वेतनमान निर्धारण में पुनरीक्षित वेतन संरचना में वर्ग 01 का लेवल 09, वर्ग 02 का लेवल 08 में निर्धारण किया गया। 01मई 2013 से स्वीकृत किये गए पुनरीक्षित वेतनमान के निर्धारण में वर्ग 03 के लिए विसंगति युक्त किये गए वेतन निर्धारण की वजह से वर्ग 03 का लेवल 06 में निर्धारित किया गया।

वर्गवार अनुपातिक तुलनात्मक आधार पर भी वर्ग 01 व 02 के वेतन में अंतर की तुलना में वर्ग 02 एवं वर्ग 03 के वेतन में अत्यधिक अंतर विद्यमान है, इसलिए आज भी वर्ग 03 के शिक्षाकर्मी अपने साथ हुए विसंगति युक्त वेतन निर्धारण के निराकरण के लिए संघर्षरत हैं।

कांग्रेस ने अपने जन घोषणा-पत्र लिखा है कि- “1998 से नियुक्त जिन शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति 2018 तक नही हो पाई है, उन्हें क्रमोन्नति वेतनमान दिया जायेगा।”

विदित हो कि 01 जुलाई 2018 से संविलियन किये जाने के बाद भी ऐसे शिक्षाकर्मी हजारों की संख्या में हैं जिनको विभाग में नियुक्ति होने से लेकर 10-10, 20-20 वर्षों की सेवा अवधि पूर्ण करने एवं पदोन्नति के लिए समस्त योग्यता रहते भी इनको आज पर्यन्त तक न तो पदोन्नति मिल पाया है और न ही क्रमोन्नति अथवा उच्चतर वेतनमान, जिससे इन सभी को सबसे अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।निर्धारित समयावधि पूर्ण करने के बाद भी पदोन्नति नही हो पाने की स्थिति में क्रमोन्नति वेतनमान/उच्चतर वेतनमान दिया जाना होता है लेकिन ऐसा नही होने के कारण संविलियन के बाद भी सबसे अधिक वर्ग 03 के शिक्षाकर्मी वेतन विसंगति की समस्या से संविलियन के बाद भी जूझ रहे हैं।

इस स्थिति में अब ये सब छ.ग. में नव गठित सरकार की ओर टक-टकी लगाये राह देख हैं और इन सबको बड़ी उम्मीद है कि जन घोषणा-पत्र में किये गए वादे अनुरूप- 1998 से नियुक्त जिन शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति 2018 तक नही हो पाई है, उन्हें क्रमोन्नति वेतनमान दिया जायेगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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