शिक्षा कर्मी संगठनों के साथ CS की मीटिंग के ठीक पहले सरकार ने बढ़ाया कमेटी का कार्यकाल, विश्वसनीयता पर उठे सवाल..

Chief Editor
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Shikshakarmi,virendra dubeyरायपुर । प्रदेश के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षा कर्मियों की समस्याओँ और मांगों पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी का कार्यकाल सरकार ने 1 महीने के लिए बढ़ा दिया है। इसे लेकर शिक्षा कर्मी संगठनों ने प्रतिक्रिया जताई है। छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत /  नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेन्द्र दुबे ने कहा है कि सविलयन की जल्दी घोषणा करने से सरकार को फायदा होगा। कमेटी क का कार्यकाल बढ़ाने या परिणाम न देने से नुकसान उठाना पड़ेगा।
वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की निगाहें सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी के 16 मार्च को होने वाले बैठक पर टकटकी लगाए देख रही थी। ऐसे में सरकारी गलियारों से आने वाली खबर कि कमेटी का कार्यकाल एक माह और बढ़ा दिया गया है, इसे   सुनकर एक बार फिर उनके आक्रोश को बढ़ा दिया है। ज्ञात हो कि आज ही कमेटी के कार्यकाल को 1 माह बढाने की सूचना सचिव रीता शांडिल्य द्वारा दी गई। जबकि कल 16 मार्च को मुख्य सचिव, समस्त संघ प्रमुखों से चर्चा करने वाले हैं।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष  वीरेन्द्र दुबे  ने कमेटी के कार्यकाल को बढाने की बात पर कहा कि  सरकार यदि आगामी चुनाव में लाभ लेना चाहती है तो संविलियन की घोषणा में अनावश्यक विलम्ब ना करे। सरकार जितना जल्द संविलियन/शासकीयकरण की घोषणा करेगी उतना ही उसे फायदा मिलेगा। यदि संविलियन हो गया तो वर्तमान में जारी पदयात्रा और लोकसुराज में सरकार के पास बताने के लिए बड़ी उपलब्धि रहेगी।साथ ही शिक्षाकर्मियों के परिवारों के गुस्से का सामना करना नही पड़ेगा। कमेटी जल्दी ही संविलियन की अनुशंसा करे जिससे मुख्यमंत्री  के सालों पहले संविलियन की घोषणा को अमलीजामा पहनाया जा सके। उन्होने कहा कि जब यही सरकार विपक्ष में थी  तो 1 घण्टे में संविलयन की बात कही थी ।  पर सरकार में आने के बाद 14 साल हो गए, 22 कमेटी हो गई, फिर हाई पावर कमिटी के 3 महीने भी पूरे हुए, अब फिर 1 महीने कार्यकाल बढ़ाने की बात हो रही है तो विश्वसनीयता पर प्रश्न उठना लाजिमी है।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय प्रवक्ता जितेन्द्र शर्मा  ने कार्यकाल एक महीने बढ़ने के समाचार को नीम चढ़ा करेला बताते हुए कहा कि  प्रदेश के शिक्षाकर्मी 16 मार्च को होने वाली मुख्य सचिव की बैठक को आशाभरी नजर से देख रहे थे कि चलो अब समस्याओं के स्थाई समाधान पर ठोस पहल हो रही है। परंतु ऐसे में हाई पावर कमेटी के कार्यकाल को फिर से एक महीने बढ़ा देने से एक बार फिर निराशा छा गई है। शिक्षाकर्मी अब तक कमेटी के रिपोर्ट ना सौंपने से ऐसे ही दुखी थे तो ये समाचार नीम चढ़े करेले की भांति हो गया। उन्होने कहा कि सबकी निगाहें अब 16 मार्च  की बैठक पर लगी हुई है। मुख्यमंत्री   की सकारात्मक सोच कल के बैठक में दिखेगी या नही यह तो आने वाले कल में ही पता चल पाएगा।
उधर छत्तीसगढ़ विद्यालयीन  शिक्षक कर्मचारी संघ के प्राताध्यक्ष संजय तिवारी ने बताया कि शासन ने शिक्षा कर्मियों की समस्याओँ पर विचार करने के लिए गठित कमेटी का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया है। इस कमेटी का कार्यकाल पिछले 5 मार्च को पूरा हो चुका है। जिसे बढ़ाकर अब 5 अप्रैल कर दिया गया है।
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