संकट में खोंदरा का संरक्षित जंगल और जीव…

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170113-WA0003बिलासपुर—बहुत पुरानी कहावत है– चोरों ने काट लिया वन..राजा को खबर तक नहीं…। यह कहावत कहीं सटीक बैठती हो या नहीं बैठती हो..लेकिन बिलासपुर रेंज के खोंदरा सर्किल पर सौ प्रतिशत सटीक बैठती है। खोंदरा संरक्षित वन क्षेत्र है। जंगल की कटाई ही नहीं बल्कि अनाधिकृत प्रवेश भी वर्जित है। बावजूद इसके जब तब शिकार करने की शिकायत मिलती ही रहती है। अब जंगल को काटा जा रहा है। अधिकारी मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जाहिर सी बात है कि चुप्पी में कुछ राज जरूर है।

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                       महीनों पहले खोंदरा जंगल के बीट में जंगल कटाई का मामला सामने आया। पत्रकार शैलेश ने मामले की शिकायत सीसीएफ कार्यालय से की। पत्रकार की शिकायत पर एसडीफओ ने जांच का आदेश दिया। महीना गुजर जाने के बाद भी रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं किया गया है। शैलेश ने बताया कि शिकायत के बाद एसडीओ ने कटे हुए पेंड़ों का ठूंठ गिनने उड़न दस्ता को भेजा गया। सीसीएफ उड़न दस्ता को निर्देश दिया गया  कि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश किया जाए।

               फरमान के बाद सीसीएफ उडन दस्ता मौके पर पहुंचा जरूर लेकिन अभी तक रिपोर्ट पेश नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार महीने बाद भी रिपोर्ट का पेश नहीं किया जाना जंगल की अवैध कटाई में मिली भगत से इंकार नहीं किया जासकता है।

                                       शैलेश ने बताया कि मैने एसडीओ टी.आर.जायसवाल को बताया था कि इमारती पेड़ों का चार पांच ताजा ठूंठ बांका के जंगल में है। ठूंठ देखने के बाद स्पष्ट हुआ कि पेड़ को दो तीन दिन पहले की काटा गया है। मैने शिकायत की लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। डीएफओ के अनुसार रिपोर्ट पेश होने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

                     सूत्रों के अनुसार खोंदरा सर्कल में शिकारियो और जंगलमाफियों का राज चलता है। जब तब शिकार करने का मामला सामने आता रहता है। इसमें वन कर्मचारियों की भी भूमिका होती है। इन दिनों संरक्षित जंगल क्षेत्र में जमकर पेड़ों की कटाई चल रही है। इसमें वन विभाग के कर्मचारियों की भी मिली भगत है। IMG-20170113-WA0000

                        जानकारी के अनुसार खोंदरा सर्कल के बांका बीट में ठूंठ पेंड़ों की सख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शिकायत के बाद रिपोर्ट तैयार तो किया जाता है लेकिन कार्रवाई किसी पर भी नहीं होती। इसके चलते बीट गार्ड की मनमानी भी बढ़ती जा रही है। बीट गार्ड ने बताया कि जांच रिपोर्ट में क्या कुछ लिखा गया…पेश किया गया भी या नहीं इसकी जानकारी मुझे नहीं है।

                                 एक महीने बाद भी बांका बीट में काटे गए गए पेड़ों की शिकायत के बाद उडनदस्ता टीम ने रिपोर्ट नहीं पेश किया है। अधिकारी भी रिपोर्ट को लेकर बहुत जल्दबाजी में नहीं है।

पेड़ों की अवैध कटाई पर जुर्माना 

        जंगल नियम के अनुसार अवैध पेड़ कटाई में बीट प्रभारी पर अधिकतम बीस हजार रूपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इससे अधिक का यानी पचास हजार का जुर्माना डीएफओ पर लगता है। सीसीएफ पर अवैध पेड़ कटाई सही पाए जाने पर दो लाख का जुर्माना लगाया जाता है।

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