ऋषि पाण्डेय ने बताया कि भारतीय राजनीति में 70 के दशक में लोकतंत्र के धुमकेतु थे। युवा तुर्क अग्र सोच के संवाहक सजय गांधी की 23 जून को कांग्रेस भवन में 37वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस नेता उन्हें याद करेंगे। संजय गांधी की दूरदर्शी नेताओं में शुमार किया जाता है। उन्होने पांच सूत्रीय कार्यक्रम, पर्यावरण, दहेज उन्मूलन,साक्षरता,परिवार नियोजन और नशामुक्ति पेश किया था। यदि पांच सूत्रीय कार्यक्रम को इमानदारी से लागू किया जाता तो आज भारत की तस्वीर कुछ और ही होती। आज देश जिन समस्याओं से गुजर रहा है…सारी ममस्याओं का निदान उसी पांच सूत्रीय कार्यक्रम में समाहित है। जनता पार्टी सरकार ने देश हित को नजरअंदाज करते हुए पांच सूत्रीय कार्यक्रम को रद्दी की टोकरी में डाल दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता ऋषि पाण्डेय ने बताया कि संजय गांधी का विचार गतिमान था। आज देश आवागमन की जिस सुविधा का लाभ उठा रहा है। उसके केन्द्र में संजय गांधी ही हैं। जापान से नई टेक्नोलाॅजी लाकर भारत में मारूति उद्योग स्थापित किया। देश को संजय गांधी से बहुत अपेक्षाएं थी। लेकिन 23 जून 1980 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी। उनके आसमयिक से भारत का भविष्य, राजनीतिक, आर्थिक और देश को बहुत कुछ देने वाला धुमकेतु को हमेशा के लिए अस्त हो चला।