नई दिल्ली-भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ किसानों की मांगों को लेकर उनकी बैठक ‘संतोषजनक’रही और उनकी नौ में से सात मांगें स्वीकार कर ली गई, जबकि केंद्र सरकार ने कर्ज माफी और उच्च एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की मांग को स्वीकार नहीं किया. इसके बाद बीकेयू मंगलवार शाम अपनी कार्यकारिणी की बैठक में 10 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले सकता है. बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह की अगुवाई में 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री से उनके आधिकारिक निवास पर यहां मुलाकात की, जहां केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे.
Join Whatsapp Group | यहाँ क्लिक करे |
युद्धवीर सिंह ने कहा कि उनकी सात मांगें स्वीकारी गई हैं.सिंह ने आईएएनएस को बताया, ‘हालांकि सरकार कर्ज माफी की मांग पर चुप है और उनका कहना है कि इस संबंध में राज्य ही फैसला ले सकते हैं. साथ ही स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के ‘सी2′ इनपुट फैक्टर के आधार पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तय करने की मांग सरकार ने स्वीकार नहीं की है और कहा कि भविष्य में इस बारे में विचार किया जाएगा.’
MSP पर खरीद के माध्यम से किसानों को अपनी फ़सल का उचित मूल्य मिले इसे सुनिश्चित करेंगे ताकि किसानों की आय में वृद्धि के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके । pic.twitter.com/eGycRCkJgm
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) October 2, 2018
सिंह ने कहा कि सरकार ने कहा कि एमएसपी को ‘ए2 प्लस एफएल’ फार्मूला के आधार पर तय करने की दिशा में सरकार काम कर रही है.
शेखावत ने कहा कि इन मांगों को किस प्रकार पूरा किया जाए, इस पर बाद में बैठक कर चर्चा की जाएगी. वे बाद में प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर भी गए, जहां पुलिस ने उन्हें दिल्ली में घुसने से रोक दिया, जिसके बाद किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई.
किसानों के साथ हुई लंबी दो दौर की वार्ता में सरकार का पक्ष रखा और उनसे जाकर बातचीत की … किसानों की जायज़ माँगों को लेकर सहमति जताई । pic.twitter.com/olhvgxKCHU
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) October 2, 2018
किसान नेता ने मीडिया से कहा कि सरकार ने यह स्वीकार किया है कि किसानों तक बाजार में बिकने वाली उनकी फसल का मूल्य नहीं पहुंच पाता है तथा कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ भी किसानों को नहीं मिलता है.उन्होंने उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस लाठी चार्ज की निंदा की.
युद्धवीर सिंह ने कहा, ‘यह अलोकतांत्रिक है. यह अप्रत्याशित है. सरकार को किसानों पर लाठी चार्ज नहीं करना चाहिए. हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का हक है.’उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर जब पुलिस ने आन्दोलनकारी किसानों को दिल्ली में घुसने से रोका तो किसान अपने ट्रैक्टर लेकर पुलिस के बैरिकेड पर चढ़ गए, जिसके बाद उनके बीच झड़प हो गई और पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले छोड़े, ताकि उन्हें वहां से हटाया जाए.