सरपंच की तानाशाही..सचिव बना कोढ़ में खाज

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160313-WA0002बिलासपुर– ढेंका गांव के लोग सरपंच और सचिव की मनमानी से परेशान है। दोनो कंधे से कंधा मिलाकर 14 वें वित्त राशि की बंदरबांट कर रहे हैं। विरोध करने पर देख लेने की धमकी देते हैं। जिला पंचायत सीईओं के निर्देश के बाद भी मूलभूत राशि को सचिव और सरपंच अनाप शनाप खर्च में दिखाकर अपना जेब भर रहे हैं। ग्रामवासियों और कुछ पंचों की माने तो सरंपच कब बैठक लेता है। किसी को जानकारी नहीं है।

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                                  ढेंका गांववासी…सरपंच और सचिव की मनमानी से परेशान हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले एक साल में आज तक ग्राम सभा की कितनी बैठक हुई है। इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। ग्रामीणों की मानें तो सरपंच उनकी परेशानियों को सुनने के लिए तैयार नहीं है। रोजगार मांगने पर ठेंगा दिखा देता है। बार बार समस्या बताने पर कहता है कि ग्राम सभा में अपनी बातों को रखो। लेकिन ग्राम सभा का आयोजन कब होता है और कितनी बार हुआ है आज तक ना तो पंचों को पता है और ना ही ग्रामीणों को ही।

                       कुछ पंच और ग्रामीणों ने बताया कि तीन चार महीने से किसी को भी निराश्रित पेंशन नहीं मिला है। पेंशन की राशि सरपंच और सचिव ने आपस में बांट लिया है। गरीब निराश्रित दर दर भटकने को मजबूर हैं। सरपंच की माने तो शासन ने अभी तक  निराश्रित पेंशन नहीं भेजा है। ग्रामीणों ने बताया कि  मनरेगा के काम में भारी भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। सूखे की चपेट में होने से उनके सामने रोजी रोटी का संकट है। लेकिन सरपंच नाली की खुदाई जेसीबी से करवा रहा है। विरोध करने पर काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में रिपोर्ट की धमकी देता है। ग्रामीण और कुछ पंचों ने बताया कि मस्टर रोल में सचिव और सरपंच ने भारी गड़बड़ी की है। जगह-जगह काम जेसीबी से हो रहा है। मस्टर रोल में नाम चहेतों का दर्ज किया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए कि जिन लोगों के नाम मस्टर रोल में है वह कौन हैं..हैं भी या नहीं।

                   एक पंच ने बताया कि सरपंच जिला पंचायत सीईओ के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है। सीईओं के आदेशानुसार 14 वें वित्त और मूलभूत राशि से शौचालय का निर्माण किया जाना है। लेकिन सरपंच आदेश की अनदेखी करते हुए  14 वें वित्त के फंड से बांउड्रीवाल बनवा रहा है। जबकि बाउंड्रीवाल का निर्माण सर्व शिक्षा अभियान मद से होना चाहिए।

                  पंच की माने तो सरपंच और सचिव मूलभूत फंड और 14 वें वित्त की राशी का अनाप-शनाप खर्च कर रहे हैं। पुराने काम को नया बताकर राशि का बंदरवांट कर रहे हैं। लाखों की हेराफेरी का काम सरपंच और सचिव मिलकर कर रहे हैं। जो काम सर्वशिक्षा अभियान के मद से होना था उस काम को मूलभूत और 14 वें वित्त की राशि से होना बताकर दोनों सरकारी पैसा अपनी जेब में डाल रहे हैं।

                                   पंच और ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच बात-बात पर धमकी देता है। कहता है जो करना हो कर लो। ग्राम सभा की बैठक नहीं होगी। जिससे शिकायत करना है कर दो। तानाशाह सरपंच का कहना है कि मैं किसी को हिसाब किताब देने नहीं दूंगा।

      गांव वाले सरपंच की तानाशाही से परेशान है। उन्हें ना तो रोजगार मिल रहा है और निराश्रितों को पेंशन। ग्रामीणों ने बताया कि जब सारा काम जेसीबी से हो रहा है तो हमारा पेट कैसे चलेगा। सरकार पलायन रोकने की बात कह रही है। लेकिन सरपंच और सचिव उन्हें पेट के लिए पलायन को मजबूर कर रहे हैं।

                   पचों के अनुसार गांव में गंदगी का अंबार है। लेकिन सरपंच कहता है कि उसके पास पैसे नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सचिव को गांव से नहीं हटाया जाएगा सरपंच अपनी मनमानी से बाज नहीं आएगा।

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