बिलासपुर– सिम्स आगजनी और नवजात बच्चों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ शासन ने बड़ी सर्जरी करते हुए कई डाक्टरों को इधर से उधर किया था। कुछ डॉक्टरों ने स्थानांतरण को स्वीकार किया तो कुछ ने निजी कारणों से आदेश पर अमल के लिए समय मांगा । इसी क्रम में समय खत्म होने के बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर सिम्स प्रबंधन ने मंगलवार को चार डॉक्टरों को सिम्स से कार्यमुक्त कर दिया है। वहीं दवा चोरी के मामले में जांच समिति ने रिपोर्ट जिम्मेदार अधिकारी को सौंप दिया है।
एनआईयूसी में आगजनी घटना के बाद शासन ने सिम्स के कई चिकित्सकों को इधर से उधर कर दिया था। कुछ चिकित्सकों ने शासन के आदेश पर तत्काल अमल किया तो कुछ ने नीजी कारणों के कारण अस्थायी राहत की मांग की थी। मंगलवार को हाईकोर्ट के निर्देश पर अमल करते हुए सिम्स डीन ने चार डॉक्टरों को कार्यमुक्त कर दिया है।
जानकारी के अनुसार सिम्स डीन ने डॉ.लखन सिंह और डॉ.हेमलता ठाकुर डॉ.रमणेश मूर्ती और डॉ.मधुमिता मूर्ति को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सरगुजा के लिए कार्यमुक्त किया है।
रिपोर्ट अधिकारियो के हवाले
मालूम हो कि सिम्स में कर्मचारी विकास शह के खिलाफ दवा चोरी का आरोप मामला सामने आया था। लगातार शिकायत और रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद मामले की जांच करने टीम का गठन कर रिपोर्ट देने को कहा था। जांच समिति जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट को उच्च अधिकारियो के हवाले कर दिया है। रिपोर्ट में क्या कुछ फैसला लिया गया ..इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गयी है। सूत्रो की माने तो दवा चोरी का आरोप सही पाया गया है। रिपोर्ट के आधार पर उच्च अधिकारी जल्द ही विकास शाह के खिलाफ उचित कदम उठाएंगे।
पास के मिलन मुश्किल
जनसम्पर्क अधिकारी सिम्स ने बताया कि अब मरीजों से मिलने के पहले परिजनों को पास लेना अनिवार्य होगा। मरीजों से मिलने के लिए समय भी निर्धारित कर दिया गया है। पास की व्यवस्था 18 अप्रैल से लागू किया जाएगा। अब किसी भी परिजन या परिचित को बिना पास के मरीज से मिलने नहीं दिया जाएगा। सिम्स प्रबंधन की माने तो परिजन अब सुबह 7 से 9 और शाम 4 से 6 के बीच ही परिजनों से मुलाकात कर सकेंगे।