बिलासपुर। शिक्षा के केंद्र, युवा विचारों का समंदर हैं । ऐसे में मानव धर्म को सहेजने, संवारने और सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए मंथन आवश्यक है। यह बात संस्कृत विद्यालय पेंड्रा के संस्थापक संत श्री परमात्मानंद जी महाराज ने विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर कही।
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में शुक्रवार को आयोजित हुए विश्व बंधुत्व दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संत श्री परमात्मानंद जी महाराज ने युवाओं के चरित्र निर्माण एवं युवा शक्ति को राष्ट्र के उत्थान के लिए जागृत करने पर बल दिया। उन्होंने 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद द्वारा अमेरिका के शिकागो में सर्वधर्म संसद में सनातन धर्म पर दिये गये व्याख्यान का स्मरण करते हुए कहा कि सर्वधर्म समभाव के जरिये ही राष्ट्र निर्माण संभव है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने कहा कि विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर हमें इस पावन पर्व को मनाये जाने का मर्म समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी को जीवन में बेहद कठिन दौर का सामना करना पड़ा ।बावजूद इसके उन्होंने समाज को जागरुक करते हुए परमार्थ की दिशा में अपने कदम बढ़ाये। उन्होंने युवाओं को स्वामी विवेकानंदजी की पक्तियां उद्धृत करते हुए संबोधित किया कि उठो, जागो और तब तक न रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाये।
इस अवसर पर कुलपति एवं संत श्री परमात्मानंद जी महाराज द्वारा स्प्रूच्यूलाइसजिंग लाइफ पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इससे पूर्व विवेकानंद केंद्र के कुलदीप महाजन ने स्वामी विवेकानंद केंद्र और उससे जुड़ी ईकाइयों एवं संस्था द्वारा युवाओँ के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। श आशुतोष शुक्ला ने मंगलचरणम् गायन किया एवं पुष्पराज देवागंन ने …..‘जिनके उजस्वी वचनों से गूंज उठा था विश्व गगन’ कविता का पाठ करके सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कावेरी डाभड़कर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर बीएन तिवारी ने किया। इस अवसर पर विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्षगण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।