बिलासपुर।छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” के ‘प्रांतीय संयोजक’ ‘जाकेश साहू’ एवं ‘आंदोलन समिति के मुखिया’ ‘मनीष मिश्रा’ ने संयुक्त बयान जारी कर “फेडरेशन-आन्दोलन” को प्रदेशभर के एक लाख, नौ हजार सहायक शिक्षक एलबी / पंचायत संवर्ग के अस्मिता, अस्तित्व एवं आर्थिक आजादी की लड़ाई का आगाज बताया है।श्री मिश्रा एवं श्री साहू ने कहा है कि वर्ग-03 प्रदेश के सभी गांवों में स्थित “शिक्षा का आधार स्तम्भ एवं नींव” अर्थात प्राथमिक शिक्षा का जड़ एवं रीड़ है जिसे उपेक्षा करके छत्तीसगढ़ राज्य में एक बेहतर शिक्षा की कल्पना करना भी बेईमानी होगी। जब मिडिल और हाई स्कूल के शिक्षकों को पर्याप्त महत्व दिया जा रहा है तो प्राथमिक शिक्षको की उपेक्षा क्यो की जा रही है..???
हम वो शिक्षक है जो प्रदेश के नौनिहालों का भविष्य गढ़ते है, उनकी आधारशिला रखते है फिर हमारे हक में ही डंडी क्यों मारी जा रही है.???“फेडरेशन” के दोनों नेतृवकर्ताओ ने राज्य सरकार पर प्रदेश के 1,09,000 प्राथमिक शिक्षकों एवं उनके परिवार के साथ धोखधड़ी एवं शोषण करने का गम्भीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की भरी सभा में संविलियन का झूठा घोषणा किया था।
दोनो पदाधिकारियों ने इस संबंध में व्यापक और स्पष्ट तर्क देते हुए बताया कि जब शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया गया है तो इसमें भारी विसंगति क्यो..???? जब नियमित शिक्षकों को 10 वर्ष में प्रथम एवं 20 वर्ष में द्वीतीय क्रमोन्नति दी जा रही है तो ये लाभ विभाग में संविलियन हुए शिक्षाकर्मियों के लिए क्यो नहीं…??? जब सरकार ने शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया तब फिर इसमें 8 वर्ष की बन्धन क्यों….???
जब सारे शासकीय विभागों में मृत कर्मचारियों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जा रही है तो हमारे पीड़ित साथियो को क्यो नहीं..????जब सरकार ने संविलियन का घोषणा किया है तो पूरा संविलियन करना चाहिए न कि अधूरा। भारतीय संविधान में हमे शोषण के विरुध्द मौलिक अधिकार का एक मूलभूत अधिकार दिया है जिसका राज्य सरकार खुलेआम उल्लंघन कर रही है।
जाकेश साहू एवं मनीष मिश्रा ने प्रदेश के सभी वर्ग 03 के शिक्षकों से क्रांतिकारी अपील करते हुए, 25 सितम्बर से प्रारम्भ हो रहे फेडरेशन के इस संभागवार, क्रमित, अनिश्चिचित कालीन आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लेने की अपील की है।