सहायक शिक्षक फेडरेशन : जाकेश साहू ने कहा मैं फाउंडर मेंबर…बर्खास्तगी का अधिकार मनीष को नहीं

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के अध्यक्ष को मेरी बर्खास्तगी का अधिकार नही है। फेडरेशन के ताजा विवाद पर “छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन” पंजीयन क्रमांक 122201859545 के प्रदेश संयोजक एवं संगठन के “संस्थापक सदस्य” जाकेश साहू ने बताया वे संगठन के फाउंडर मेम्बर व संस्थापक सदस्य है ऐसे में उनकी बर्खास्तगी इतनी आसान नहीं है कि उन्हें एक झटके में बर्खास्त कर दिया जाए।

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यदि उन्हें संगठन से बर्खास्त करना है तो इससे पहले फेडरेशन के सभी 146 ब्लाक अध्यक्ष (प्रतिनिधि), सभी 27 + 01 शक्ति शैक्षणिक जिला = 28 जिला अध्यक्ष (प्रतिनिधि), सभी 13 संयोजक सदस्य (फाउंडर मेम्बर) एवँ समस्त जिला व ब्लाक संयोजकों सहित समस्त प्रांतीय कोर कमेटी की वृहत बैठक आयोजित करना होगा।

उक्त बैठक में जाकेश साहू पर लगे आरोपो की जांच कर, उन्हें दोषी साबित करना होगा, जाकेश साहू का पक्ष सुनना होगा तत्पश्चात दोषी साबित होने पर “प्रांतीय फेडरेशन महासभा” व “कोर कमेटी” में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने के बाद ही उसे फेडरेशन से बाहर निकाला जा सकता है।

जाकेश साहू ने बताया कि वे फेडरेशन के संस्थापक सदस्य है। विगत वर्ष जून 2018 में संविलियन में हुए भारी विसंगति व वर्ग तीन को हुए वेतन में भारी आर्थिक नुकसान को लेकर उनके द्वारा सबसे पहले सोशल मीडिया के जरिये आंदोलन की शुरुवात की गई थी। वे खुद सबसे पहले प्रदेश के सभी 27 जिलों व 146 विकासखण्डों में सहायक शिक्षको से सोशल मीडिया से जुड़े और सबको जोड़ते रहे।

सक्रिय सदस्यो को निकालकर वे ही फेडरेशन की नींव सभी जिला व ब्लाकों में रखे थे। तत्पश्चात सभी जिलों व ब्लाक में बैठकों का दौर शुरू हुआ, प्रान्त एवँ जिलों में बड़े बड़े आंदोलन किये गए। साथ ही संगठन का पंजीयन कराया गया।

जाकेश साहू ने बताया कि विगत तीन मार्च को अलोकतांत्रिक तरीके से मनीष मिश्रा द्वारा प्रांताध्यक्ष का चुनाव करा लिया गया जिसकी सूचना 15 दिवस पूर्व प्रदेश के आम शिक्षाकर्मी साथियों को नहीं दी गई थी। उक्त अलोकतांत्रिक चुनाव का प्रदेशभर में भारी विरोध हुआ जिसके पश्चात विगत 23 जून को प्रांतीय, जिला एवँ ब्लाक टीम की बैठक रखी गई थी जिसमें सभी जिला का राय लिया गया था।

उक्त 03 जून को किए गए अलोकतांत्रिक चुनाव को 23 जून की आयोजित बैठक में बहुमत से शून्य किया गया था। तथा बैठक में यह फैसला सर्वसम्मति से हुआ था कि फिलहाल 13 सदस्यीय प्रांतीय संयोजक मण्डल के नेतृत्व में पहले जैसे आंदोलन होता रहेगा जब तक कि कोई परिणाम न आ जाए या वेतन विसंगति दूर न हो जाए। इस प्रकार बैठक समाप्त हो गया और अधिकांस सदस्य बैठक से चले गए थे।

बाद में जबर्दस्ती 5 संभाग अध्यक्ष व 13 संयोजक जो कि कुछ सदस्य विगत 03 जून के चुनाव में शामिल रहे उनका भी मत लेकर, रजिस्टर में कांट-छांट किया गया। बैठक समाप्त होने के बाद रात को लगभग 8 बजे, 05 सम्भाग अध्यक्ष के नाम बैठक में हुए निर्णय के विपरीत वेब न्यूज चलाया गया जिसमें मनीष मिश्रा को पुनः 22 सितम्बर तक कार्यवाहक अध्यक्ष घोषित कर दिया गया जबकि मनीष मिश्रा का चुनाव बैठक में जिला अध्यक्ष द्वारा बहुमत से शून्य घोषित किया जा चुका था।

बाद में प्रदेश के कई सदस्यो ने 05 संभाग अध्यक्ष के उक्त निर्णयों का घोर विरोध किया जिस पर विवाद को बढ़ता देख लगभग सभी व्हाट्सएप ग्रुप बन्द करने का निर्देश जारी किया गया।

जाकेश साहू ने बताया कि वर्तमान में फेडरेशन में मनीष मिश्रा सिर्फ टेम्परेररी अर्थात सिर्फ कार्यवाहक अध्यक्ष है जिनका कि 03 मार्च 2019 को हुए निर्वाचन बहुमत से शून्य हो चुका है ऐसे में फाउंडर मेम्बर जाकेश साहू के बर्खास्तगी का अधिकार न तो उनके पास है न ही किसी अन्य संयोजक सदस्य के पास न ही 05 संभाग अध्यक्ष के पास।

जाकेश साहू ने मनीष मिश्रा पर सोशल मीडिया में अपने पद के हिसाब झूठा खबर चलाकर प्रदेश के 1,09,000 शिक्षाकर्मी वर्ग 03 को भ्रमित करने का आरोप लगाया। विगत 20 अगस्त के आसपास सोशल मीडिया में मनीष मिश्रा द्वारा ही यह झूठी खबर आग की तरह फैला दिया गया कि सितम्बर से पहले वर्ग 03 की वेतन विसंगति दूर होने वाली है। यह खबर पूरी तरह झूठी व कोरा अफवाह निकली।

इसी तरह 22 सितम्बर को होने वाले प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव में सिर्फ 28 जिला अध्यक्ष को वोट डलवाकर खुद प्रदेशाध्यक्ष बनने की साजिश मनीष मिश्रा द्वारा रची जा रही है जबकि विगत 23 जून को आयोजित प्रदेश बैठक में लगभग 80 % उपस्थित सदस्यों ने यह निर्णय पारित किया था फेडरेशन प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव में कम से कम सभी 146 ब्लाक अध्यक्ष व सभी 28 जिला अध्यक्ष का वोटिंग होगा।

परन्तु वर्तमान निर्वाचन अधिकारी 05 संभाग अध्यक्ष द्वारा जारी मतदाता सूची में 146 ब्लाक अध्यक्ष का नाम ही गायब कर दिया गया है। इस प्रकार मनीष मिश्रा के इसारे पर सम्भाग अध्यक्ष लोगो के द्वारा एक बड़ा खेल खेला जा रहा है।

जाकेश साहू ने बताया कि जब वे इन्ही सभी बातों का व्हाट्सएप ग्रुप में विरोध किया तथा ब्लाक अध्यक्ष साथियो को भी मतदाता बनाए जाने का मांग की। तब उसे सडयंत्र पूर्वक मनीष मिश्रा द्वारा बर्खास्त करने का असंवैधानिक व असफल प्रयास किया गया।

ऐसी स्थिति में वे 08 सितम्बर को फेडरेशन प्रदेशाध्यक्ष का लोकतांत्रिक तरीके से खुले मतदान से चुनाव के लिए कलेक्ट्रेड गार्डन में बैठक आयोजित करने की घोषणा की थी जिसे कुछ लोगो ने जबर्दस्ती मुद्दा बनाया जबकि खुला वोटिंग व आम सदस्यो से प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव भी एक बेहतर विकल्प था।

जाकेश साहू ने बताया कि शुरू से लेकर अब तक हमेशा से सामूहिक नेतृत्व में ही फेडरेशन बहोत बढ़िया से चलते रहा है और चलते रहेगा।

लेकिन इससे पूर्व में भी मनीष मिश्रा द्वारा दो बार और अलोकतांत्रिक तरीके से प्रदेशाध्यक्ष बनकर फेडरेशन पर कब्जा करना करने की असफल कोशिस किया गया है और जब जब मेरे द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव करने की मांग की जाती है तथा मनीष मिश्रा द्वारा किये जा रहे गलत कार्य का विरोध किया जाता है तब तब वे मेरी बर्खास्तगी का खबर सोसल मीडिया में वायरल करते है।

इस प्रकार मेरे चरित्र हनन का असफल प्रयास मनीष मिश्रा द्वारा किया जा रहा है। हर बार साथियों ने सामन्जय का रास्ता निकाला और दोनों पक्षों में सलाह की कोशिश हुई पर मुझे बदनाम करने का असफल प्रयास हुआ।

आज भी मनीष को प्रदेश के 75 % शिक्षाकर्मी नहीं जानते। मनीष फेडरेशन का फाउंडर मेम्बर भी नहीं है। उनको फेडरेशन में मैंने लेकर आया तथा फंडिंग की बात पर उसे प्रांतीय संयोजक बनाया गया था। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने की मनीष की महत्वाकांक्षी ने फेडरेशन को बहोत ज्यादा नुकसान पहुंचाया।

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By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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