
बिलासपुर—कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ की बिना अनुमति मस्तूरी जनपद सीईओ शिल्पा अग्रवाल ने गौण खनिज की राशि को खर्च कर दिया है। शिकायत मिलने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने कार्रवाही का आदेश दिया है।
जनपद पंचायत स्तर पर छोटी बड़ी कई खदाने हैं। इन खदानों से गौड़ खनिज का उत्खनन होता है। गौण खनिज से मिली राशि का कुछ हिस्सा जनपद पंचायत को मिलता है। शेष राशि शासन के खाते मे जमा होती है। पिछले कुछ समय से मस्तूरी क्षेत्र से निकलने वाली गौण खनिज की राशि को जनपद सीईओ शिल्पा अग्रवाल ने बंदरबांट कर दिया।
मस्तूरी जनपद पंचायत सीईओ शिल्पा अग्रवाल ने कलेक्टर अन्बलंगन पी. और जिला पंचायत सीईओ जेपी मौर्य से अनुमोदन कराये बिना ही राशि खर्च कर दी। इसकी शिकायत जिला पंचायत के सीईओ से की गई थी । मामले को गंभीरता से लेते हुए सीईओ जेपी मौर्य ने जांच का आदेश दिया है। जांच दो सदस्यीय टीम करेगी।
मामले में सीईओ मौर्य ने बताया कि जांच के बाद दोषियो के खिलाफ कार्रवाही की जाएगी । मालूम हो कि गौण खनिज से शासन को हर साल करोड़ो रूपए का राजस्व मिलता है। इस राशि का उपयोग विकास कार्यों में किया जाता है। जिला पंचायत अधिकारियो की तरफ से गौण खनिज में मॉनिटरिंग नही करने के कारण बड़े पैमाने पर गड़बडी उजागर हुई है।