सुरक्षा के बीच चावल की टेस्टिंग….आदित्य एग्रो पहुंची आईआईएफडीपी की टीम..अधिकारी भी मौजूद

BHASKAR MISHRA
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IMG-20180119-WA0008बिलासपुर—हाईकोर्ट निर्देश के बाद जिला प्रशासन अमला आईआईएफडीपी अधिकारियों के साथ मिलरों के ठिकानों पर धावा बोल रही है। मौके पर पहुंचकर प्रति क्विंटल धान से चावल की मात्रा की जानकारी एकत्रित कर रही है। मालूम हो कि आईआईएफडीपी टीम को रायपुर में जांंच पड़ताल के दौरान मिलरों के विरोध का सामना करना पड़ा था। बिलासपुर जिला प्रशासन की टीम आईआईएफडीपी अधिकारियों के साथ मिलरों के ठिकानों पर पहुंचकर जांच पड़ताल में सहयोग कर रही है। तहसीलदारों को जांच पड़ताल के दौरान मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी दी गयी है।

             
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                      मालूम हो कि कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ मिलर एसोसिएशन ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि शासन के तुगलकी फरमान से प्रदेश के सभी मिलर परेशान हैं। शासन के आदेश और जमीनी हकीकत में मेल नहीं है। मिलर एसोसिएशन ने बताया कि एक क्विंटल धान से शासन जितना चावल चाहता है देना संभव नहीं है। जिसके कारण धान मिलिंग का काम मिलरों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है।

                                   मिलर एसोसिएशन की याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को निर्देश दिया कि मिलिंग के दौरान प्रति क्विटंल धान से चावल उत्पादन जांच करने का निर्देश दिया। मिलिंग टेस्ट की जिम्मेदारी हैदराबाद की कम्पनी आईआईएफटीपी को दी गयी है।

         एक दिन पहले आईआईएफडीपी हैदराबाद की टीम चावल टेस्टिंग करने रायपुर स्थित राइस मिल पहुंची। इस दौरान टीम को मिलरों के विरोध का सामना करना पड़ा। टीम के सदस्यों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया। शुक्रवार को आईआईएफडीपी की टीम टेस्टिंग के लिए बिलासपुर पहुंची। टीम के साथ पुलिस के अलावा जिला प्रशासन की टीम लावर स्थित आदित्य एग्रो मिल टेस्टिंग करने गयी।

                               जिला- प्रशासन ने रायपुर की घटना को ध्यान में रखते हुए हैदराबाद टीम के साथ स्थानीय अधिकारियों और पुलिस जवानों को तैनात किया है। ताकि आईआईएफडीपी टीम को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पडे।

क्यों पड़ी टेस्टिंग की जरूरत

              हाईकोर्ट में दायर याचिका में राइस मिलर एसोसिएशन ने बताया कि शासन के निर्देशों का पालन संभव नहीं है। शासन प्रति क्विंटल धान से 67 प्रतिशत चावल की मांग करता है। जबकि प्रति क्विंटल 67 किलों चावल बनना मुश्किल है। जिसके चलते शासन की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने शासन को निर्देश दिया कि मामले में टेस्टिंग कर जानकारी दी जाए।

                                                प्रक्रिया का पालन करते हुए आईआईएफटीडी की टीम को रायपुर में विरोध का सामना करना पडा। आज आईआईएफडीपी की टीम टेस्टिंंग करने बिलासपुर पहुंंची। टीम के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया। तहसीलदारों को मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी दी गयी है। अधिकारियोंं की टीम ने शुक्रवार को लावर स्थित आदित्य एग्रो गयी। इस दौरान प्रति क्विंटल धान से चावल की मात्रा का टेस्ट किया गया।

                   हैदराबाद टीम के साथ एडीएम ,एसडीएम, तहसीलदार, खाद्य अधिकारी, डीएमओ समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारी मौजूद थे।

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