सुलझ गयी माइनिंग ठेकेदार सुनील जैन हत्या की गुत्थी…IG ने बताया-प्रेमिका के साथ पुराने ड्रायवर ने रचा था षड़यंत्र

BHASKAR MISHRA
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बालोद/ दुर्ग….दुर्ग और बालोद पुलिस की संयुक्त टीम ने 24 और 25 नवंबर 2018 की दरमियानी रात माईनिंग ठेकेदार सुनील जैन की हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है। हत्या में शामिल सात अपराधियों को धर दबोचा गया है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही फरार दो अन्य आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। मालूम हो कि माईनिंग ठेकेदार सुनील जैन की तीन दिन पहले बालाद जिले के डौंडी में हत्या कर दी गयी थी। मामले में दुर्ग पुलिस महानिरीक्षक जी.पी.सिंह ने विषेष टीम का गठन कर हत्या की गुत्थी सुलझाने को कहा था। पुलिस ने मात्र तीन दिनों में गुत्थी सुलझा ली है।मालूम हो कि बालोद जिले के डौडी में तीन दिन पहले माइनिंग ठेकेदार सुनील जैन की उन्हीं के घर में हत्या हुई। डौंडी पुलिस थाना पहुंचकर मामले की जानकारी अंकित तिवारी पिता रोमेन्द्र तिवारी निवासी गांधी चौक बालोद ने दी। ठेकेदार के पड़ोसी अंकित तिवारी ने बताया कि सुनील जैन पिता पुखराज तैन उम्र 55 साल शैलेन्द्र नगर रायपुर का रहने वाले है। जैन का पैतृक मकान गांधी चौक डौंडी में है। जैन 24 नवम्बर की रात्रि साढ़े दस बजे स्कार्पियों से घर आए। घर की ऊपरी मंजिल में जैन का रसोइया और नौकर शैलेन्द्र रहता है। सुबह शैलेन्द्र ने फोन किया कि बाहर से कमरा किसी ने बन्द कर दिया है। मैने छत के रास्ते शैलेन्द्र के कमरे का दरवाजा खोला। फिर मकान के नीचे वाले कमरे में शैलेन्द्र ने जाकर देखा कि सामान विखरा और आलमारी खुली हुई है। पलंग पर सुनील जैन की मृत शरीर है।
                                  रिपोर्ट के बाद बालोद पुलिस हलचल में आयी। मामला आईजी जीपी सिंह तक बालोद पुलिस कप्तान के जरिए पहुंचा। पुलिस महानिरीक्षक ने पत्रकारों को बताया कि हत्या की गुत्थी को सुलझा ली गयी है। आईजी ने बताया कि घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान स्पष्ट हो गया था कि आरोपियों का प्रवेश और निकास मुख्य दरवाजे से नहीं हुआ है। बगल की दीवार  फांदकर मकान के उपर हिस्से से होकर अंदर पहुंचे है। आरोपियों ने ही मृतक के नौकर का दरवाजा बाहर से बंद किया। नीचे आकर घटना को अंजाम दिया।
                      पुलिस महानिरीक्षक जी. पी. सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक बालोद के निर्देशन में आरोपियों की पतासाजी के लिये क्राईम स्कवाड बालोद और क्राईम स्कवाड भिलाई-दुर्ग के अनुभवी कर्मचारियों की 4 विषेष टीम बनाई गयी। बिलासपुर से निरीक्षक कलीम खान और रायपुर क्राईम स्कवाड का भी सहयोग लिया गया। टीम ने अथक परिश्रम के बाद गुत्थी को मात्र तीन दिनों के अन्दर सुलझा लिया।

पुराने ड्रायवर और प्रेमिका ने मिलकर रचा षड़यंत्र
जांच पड़ताल के दौरान संबंधित स्थलो से सीसीटीवी फुटेज व तकनीकी साक्ष्य राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर और अन्य जगहों से जुटाए गए। इस दौरान टीम ने रायपुर निवासी मृतक के पुराने ड्राईवर धनराज शर्मा को पकड़ा। पूछताछ में आरोपी धनराज शर्मा आरोप स्वीकार कर सिलसिलेवार जानकारी दी। उसने बताया कि वह अपने महिला मित्र हीरा नेताम के साथ षडयंत्र रचा। सात साथियो के साथ रायपुर से मोटर सायकल और आटो से डौण्डी स्थित मृतक के घर पहुंचे। कमरे में घुसकर मृतक के सोने की चैन, अंगूठी और नगदी रकम लूटे। धनराज ने पुलिस को बताया कि लूटपाट के दौरान मृतक सुनील जैन ने पहचान लिया। पहचान छिपाने के लिए गला दबाकर हत्या कर दी।जीपी सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी धनराज शर्मा की निशानदेही पर अन्य फरार सात आरोपियो को रायपुर , मंदिरहसौद, सम्बलपुर(ओडिसा) से गिरफ्तार किया गया है। पकडे गए आरोपियों मे ज्यादातर के खिलाफ पूर्व से ही अपराध पंजीबद्ध है।

             
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आरोपियों के नाम और पता ठिकाना
आईजी ने गिरफ्तार आरोपियों के नाम का खुलासा किया। पकड़े गए आरोपियों के नाम धनराज शर्मा पिता भगवती प्रसाद शर्मा उम्र 19 वर्ष साल      आजाद चैक रायपुर का रहने वाला है। हीरा नेताम पति-मनोज नेताम उम्र 20 वर्ष नेहरू नगर काली बाडी चौक में रहती है। राकेश नायक पिता प्रभात नायक उम्र 19 वर्ष पुराना चीलघर डीके बांस टाल रायपुर में रहता है। राहुल तांडी पिता त्रिनाथ तांडी उम्र 35 साल रावण भाठा मंदिर हसौद का रहने वाला है। ऋषभ नायक पिता पप्पू नायक उम्र 19 साल का घर पुराना चिलघर डीके बास टाल में है। दुलबा छुरा उर्फ देव पिता शंकर छुरा उम्र 23 साल दानीपाली थाना ऐठापाली सम्बलपुर (ओडिसा) का निवासी है। अजय सिंह पिता हजारी सिंह उम्र 24 साल मुडीपडा ढोल बंद सम्बलपुर (ओडिसा) का रहने वाला है।
प्रेमी को ठिकाने लगाने की थी तैयारी
                       जीपी सिंह ने बताया कि अजय सिंह और दुलबा छुरा उर्फ देव धारा 307 में संबलपुर जेल में रहे है। दुलबा उर्फ देव रेलवे हास्पिटल रायपुर में एम्बुलेंस चालक है। राहुल तांडी उर्फ लक्ष्मण उर्फ लखन, अजय सिंह, दुलबा छुरा उर्फ देव, हीरा नेताम मारपीट के आरोप में जेल में रहे है। चारो  शंकर नगर रायपुर में चोरी के असफल प्रयास भी कर चुके हैं। आरोपियों का शंकर नगर का सीसीटीव्ही फुटेज भी उपलब्ध र्है। राकेश नायक, ऋषभ नायक बलवा के मामले में रायपुर जेल की हवा खा चुके हैं। अजय सिंह के अलावा अज्जू उर्फ विज्जू ओडीसा से अपराधिक षडयंत्र में शामिल रहा है।
लूटपाट के सामान बरामद
                   आईजी ने बताया कि आरोपियों को पुलिस रिमांड में लेकर लूट का सामन जेवरात, नगदी और हथियार को जब्त कर लिया गया है। पूछताछ के दौरान राकेश नायक ने बताया है कि हीराबाई उसके उपर दबाब बना रही थी कि धनराज शर्मा ही बाहरी आदमी है। जिसके कारण हम लोग पकडा सकते हैं। , उसको सुनसान जगह में लेकर आओ, उसको भी ठिकाने लगा दिया जाए। इसके बाद हमें पुलिस नहीं पकड़ पाएगी। फरार आरोपी राकेश साहू और अज्जू उर्फ विज्जू की सरगर्मी से तलाश हो रही है। जल्द ही दोनों आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
गुत्थी को सुलझाने में बालोद पुलिस, क्राईम ब्रांच दुर्ग प्रभारी उप निरीक्षक राजेश मिश्रा, बिलासपुर चकरभाठा थाना प्रभारी मोहम्मद कलीम खान, प्रधान आरक्षक चन्द्रशेखर बंजीर और रायपुर क्राईम ब्रांच की टीम ने विशेष योगदान रहा।
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