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सूपेबेडा मामले में हस्तक्षेप करें मानवाधिकार आयोग और चीफ जस्टिस-अमित जोगी

AMIT JOGI--BITE--EXCLUSIVEरायपुर।मरवाही विधायक अमित जोगी ने  सूपेबेडा गाँव में किडनी रोग से हो रही  लगातार मौतों के विषय में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप करने के लिए उन्हें पत्र लिखा है। पत्र में जोगी ने बताया है कि गरियाबंद जिले के देवभोग विकासखंड में स्थित सूपेबेडा गाँव में वर्ष २००९ से  अब तक ९६ लोगों की मौतें हो चुकी हैं।  मौतों का कारण पता करने में राज्य सरकार नाकाम रही है। दो माह पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर केंद्र द्वारा सूपेबेडा में हो रही मौतों पर शोध करने का आग्रह  किया था लेकिन अभी तक इस सम्बन्ध में कुछ भी नहीं हुआ है ।

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                      जोगी ने आगे लिखा है कि सूपेबेडा में हो रही मौतें के सम्बन्ध में विधानसभा में उन्होंने एक प्रश्न पूछा था जिसका स्वास्थ्य मंत्री ने गलत जवाब देते हुए यह  कह दिया कि सूपेबेडा गाँव में किडनी रोग से एक भी मौत नहीं हुई है। जबकि पूरा प्रशासन इस बात को स्वीकार कर रहा है कि इस गाँव में किडनी रोग से लगातार मौतें हो रही हैं। अ

                अमित ने बताया है कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) द्वारा पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी के निर्देशानुसार सूपेबेडा जाकर पूरे मामले की जांच की गयी थी। जांच रिपोर्ट में कुछ गंभीर तथ्य सामने आये हैं। पूरे मामले में सरकार का रवैया उदासीन रहा है।

                   अमित ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से अनुरोध  किया है कि इस मामले को संज्ञान में लेकर अतिशीघ्र हस्तक्षेप करें जिससे इस गाँव के लोगों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा हो सके। साथ ही भारत के मुख्य न्यायाधीश से इस पत्र को पीआईएल मानते हुए तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है क्योंकि राज्य सरकार सूपेबेडा के लोगों की जीवन रक्षा करने में पूरी तरह नाकाम रही है।

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