0प्रदेश की संमृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना
भिलाई। पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज मंगलवार को भिलाई पहुंचे। रेल्वे स्टेशन से लेकर अग्रसेन भवन तक गाडि़यों का काफिला और पैदल चलने वालों के कारवां में शामिल हजारों भक्तों ने उनका ह्दय से अभिनंदन किया। यज्ञ शाला में वेदी पूजन के बाद देव स्थापना की गई और भगवान के जय घोष के साथ श्री वरूण महायज्ञ का श्री गणेश हुआ। सुबह से देर रात तक हजारों लोग यहां पहुचे और सभी ने शंकराचार्य जी का आशिर्वाद लिया। श्री वरण महायज्ञ प्रारंभ होने पर सभी ने प्रदेश की संमृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की।
प्राकट्य महोत्सव और श्री वरूण महायज्ञ के दूसरे दिन शहर का महौल भक्तिमय रहा। वैदिक मंत्रोंचारण और विधि विधान के साथ यज्ञाचार्यों ने देव स्तुति के साथ देव स्थापना की। इसके बाद श्री वरूण महायज्ञ का श्री गणेश हुआ। छत्तीसगढ़ की जनता की सुख, समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना के साथ सुबह से ही यज्ञशाला में परिक्रमा के करने हजारों लोग पहुंचे ।
झमाझम बारिश से मिले शुभ संकेत-शास्त्री
प्राकट्य महोत्सव अवसर पर जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ पीठ परिषद के अध्यक्ष झम्मन शास्त्री ने बताया कि श्री वरूण महायज्ञ के प्रारंभ होने कुछ घंटे पहले ही दुर्ग-भिलाई और पूरे अंचल में झमाझम बारिश हुई। यह इस बात का संकेत है कि भगवान वरूण देव इस यज्ञ से प्रसन्न हैं और वर्षों से कम वर्षा के इस क्षेत्र में इस बात अधिक बारिश होगी। श्री पाण्डेय ने बताया कि वरूण महायज्ञ से सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं। सही समय में सुवृष्टि होती है।
वेद विज्ञान पर विद्यार्थियों को उद्बोधन आज-शैलेष
इस अवसर पर आदित्य वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष शैलेष पाण्डेय ने बताया कि 30 जून को विद्यार्थियों के लिए वेद एवं विज्ञान विषय पर शंकराचार्य जी का उद्बोधन होगा। जिसमें दुर्ग-भिलाई और अचंल के सभी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी शामिल होंगे। इस दौरान शंकराचार्य जी विद्यार्थियों को वेद-विज्ञान से संबंध के बारे में विस्तार से बताएंगे। श्री पाण्डेय ने कहा कि यहां क युवाओं के लिए गौरव की बात है कि उन्हें वेद-विज्ञान विषय पर शंकराचार्य से ज्ञान प्राप्त होगी। अधिक से अधिक विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावको में इसका लाभ लेना चाहिए।
3 दिनों तक होगी आस्था की बारिश
30 जून गुरूवार को पूजन अराधना महारूद्राभिशेक होगा। इसके बाद 1 जुलाई शुक्रवार को यज्ञ, होम होगा, जिसमें हजारों लोग शामिल होंगे। इसके बाद 2 जुलाई शनिवार को महायज्ञ की पूर्णाहुति और सहस्त्रधारा स्नान होगी। अंतिम दिन महाआरती होगी जिसमें अंचल के लोग शामिल होंगे। 2 जुलाई को ही यज्ञ प्रसादी और भंडारा का आयोजन रखा गया है।