हर नागरिक को हो कानून का ज्ञान-जिला न्यायाधीश

Chief Editor
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vidhik 1♦विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव भी पहुंचे सीवीआरयू
♦सीवीआरयू में विधिक साक्षरता शिविर में विद्यार्थियों ने जाना व समझा कानून
बिलासपुर। विद्यार्थियों को कानून की जानकारी की देेने के लिए सीवीआरयू में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिलासपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश,एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आर.पी.शर्मा एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शैलेष शर्मा ने विद्यार्थियों को कानून के बारे में विस्तार से बताया। शिविर में विद्यार्थियों ने बाल श्रम, मानव तस्करी,बाल विवाह, टोनही प्रताड़ना, एंटी रैगिंग एक्ट, साइबर लाॅ, भारतीय संविधान, सूचना का अधिकार, मोटर वीकल एक्ट सहित अनेक कानून के नियमों को जाना और समझा।
विधिक साक्षरता शिविर में विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री शर्मा ने बताया कि देश के हर नागरिक को कानून की जानकारी होना चाहिए। हम समाज में रहते हुए कानून को मानने के लिए बाध्य होते हैं। चाहे वाह किसी भी क्षेत्र में हो। श्री शर्मा ने मोटर वीकल एक्ट के बारे में बताया कि किसी भी 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को वाहन चलाने की अनुमति नहीं है। नियमानुसार लायसेंस प्राप्त कर भी व्यक्ति यदि लापरवाही पूर्वक वाहन चलाता है तो भी वह अपराध की श्रेणी में आता है। श्री शर्मा ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में बताया कि लोगों में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता नहीं है,इसका सीधा कारण है कि उन्हें अधिकारों की जानकारी नहीं है। उपभोक्ता का अधिकार है कि वे हर सामान खरीदने vidhik2पर उसकी पक्की रसीद लें और वह सामान की गारंटी लेने का अधिकारी भी है। हर नागरिक का दायित्व है कि यदि किसी स्थान पर प्रतिबंधात्मक सामान बेचा जा रहा है और उसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है तो वह इसकी जानकारी पुलिस या संबंधित विभाग के अधिकारी को दे। इससे हम समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाते हैं। श्री शर्मा ने एंटी रेगिंग एक्ट और सूचना के अधिकार कानून के विषय में विस्तार से जानकारी दी। सूचना के अधिकार के तहत हर व्यक्ति किसी भी संस्थान में अपनी इच्छानुसार जानकारी प्राप्त कर सकता है। यदि वह जानकारी उसे नहीं दी जाती है तो उसे अपील का अधिकार है। श्री शर्मा ने साइबर क्राइम जैसे वाट्अप और फेसबुक में होने वाले अपराधों और उसके सजा के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। श्री शर्मा ने ऐसे अपराधों से बचने के उपाए बताए। कार्यक्रम में कोटा के व्यवहार न्यायाधीश जहांगीर तिगाला, विवि के विधि सलाहकार आनंद मोहन तिवारी,विधि विभाग विभागाध्यक्ष व प्राध्यापक सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
vidhik 3विधि की अज्ञानता के कारण सजा न मिले-शैलेष
शिविर में विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शैलेष शर्मा ने बाल श्रम, मानव तस्करी, बाल विवाह, आबकारी अधिनियम, टोनही प्रताड़ना सहित अनेक कानून की जानकारी देते हुए समझाया। श्री शर्मा ने बताया कि विचार का प्रश्न यह है कि आज समाज में यह जरूरत क्यों पड़ रही है कि न्यायाधीश को विधि के जानकारी देने के कारण घूमना पड़ा रहा है। इसका बात का जवाब बहुत ही साफ है लोगों को विधि की जानकारी नहीं है। विधि की अज्ञानता के कारण लोगों को सजा भुगतनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि शराब के कारण ही आज समाज में तेजी से पतन हो रहा है। युवा सार्वजनिक स्थान में शराब का सेवन करते हैं और इसके बाद नशे में दूसरे अपराध करते हैं। इसलिए सभी लोगों को शराब से दूर रहने की जरूरत है।
संविधान की तहत सभी को विधि का पूरा ज्ञान-कुलसचिव
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने कहा कि हमारे भारत का संविधान यह बात को मानता है कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को विधि का पूरा ज्ञान है और कानून के हर नियम को जानता व समझता है। कोई अरोपी यह दलील देकर नहीं बच सकता कि उसका कोई कृत्य अपराध होता है यह जानकारी उसे नहीं थी। श्री पाण्डेय ने कहा कि इसलिए सबसे पहले तो हर व्यक्ति को कानून का ज्ञान लेना चाहिए। श्री पाण्डेय ने बताया कि हमें इस बात का हर्ष है कि हम रेडियो रामन के माध्यम से लोगों को काननू की जानकारी देते हैं। रेडियो रामन् में कानून को जाने कार्यक्रम के तहत 700 एपिसोड तैयार किया गया है। जिसका प्रतिदिन प्रसारण किया जाता है।
स्वतंत्रता की लड़ाई से आज तक विधि पढ़ाई का महत्व-कुलपतिvidhik 4
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने बताया कि अग्रेजों से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले महान लोग विधि की पढ़ाई कर चुके थे। स्वयं महात्मा गांधी बैरिस्टर थे। इसके बाद आज देश की सरकार चालने वाले लोग और सरकार अमले के बड़े अधिकारी विधि का पूरा ज्ञान रखते है। यह बात इस तथ्य को साबित करती है कि विधि का ज्ञान तब भी जरूरी था और आज भी जरूरी है। तकनीकी रूप से मजबूत होने के बाद अब लोगों के लिए विधि पढ़ना समझा आसान हुआ है। आॅनलाइन सभी जानकारी रहती हैं। इसलिए अधिक से अधिक लोगों को ऐसे माध्यमों से भी कानून को समझना चाहिए।

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