13 दिन पहले कोरबा से हाथियो का झुण्ड़ पानी की तलाश में रतनपुर के रास्ते मरवाही बन मण्डल पहुंचा। विभिन्न गांवो से होते हुए काफिला हाथियों का काफिला अब खोंसरा रेल लाईन पार कर नवागांव की पहाड़ी तक पहुच चुका है। 23 सदस्यीय हाथियो का झुण्ड़ अचानकमार टायगर रिजर्व एरिया कि ओर जा रहा है। जानकारी के अनुसार साल भर पहले भी राजू नाम का हाथी भटक कर बेलगना के रास्ते एटीआर पहुच गया था। यह दल भी उसी रास्ते से आगे बढ़ रहा है।
अमिताभ वाजयपेयी ने बताया कि हाथियों के हिंसक होने की अभी तक कोई खबर नहीं है। किसी घटना के मद्देनजर हमने पहले ही क्षेत्र में मुनादी से लेकर सुरक्षा के सारे प्रबंध कर लिये हैं। बिलासपुर शहरी क्षेत्रो में हाथियो के आने पर सुरक्षा के इंताजाम के सवाल पर डीएफओ अमिताभ बाजपेयी ने बताया की बिलासपुर की ओर हाथियों की संभावना किसी भी सूरत में नहीं है। हाथियों का झुण्ड एटीआर का रास्ता पकड़ लिया है।
बावजूद इसके यदि हाथियों का रूख बिलासपुर की ओर होता तो बस्ती से हाथियो को दूर रखने हर संंङव प्रयास किया जाता। तैयारी हमारी पहले से ही है। अमिताभ ने बताया कि मशाल और ढ़ोल के साथ अन्य उपाय अपनाकर लोगो के जान और माल को प्रयास किया जा रहा है। बेलगहना डीविजन में झोपड़ी तोड़ने के सवाल पर डीएफओ ने बताया की जंगल के बीच वह घर खाली था। हाथियो में पानी सुंघने की अदभुत क्षमता होती है। चार-पांच किलोमीटर दूर से भी पानी को सूंघ सकते हैं। हाथियो का दल पानी की तलाश में बेलगहना वन मण्डल तक पहुचा है। अब तक की हलचल से मालूम हुआ है कि हाथियो ने किसी प्रकार का नुकसान नहीं किया है।