हैण्ड्स ने बढ़ाया सहयोग का हाथ…अब तक 225 लोगों ने किया नेत्रदान…सिम्स ने भी किया अभियान में सहयोग

BHASKAR MISHRA
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  बिलासपुर—जिले की सामाजिक सरोकार की संस्था हैण्स ग्रुप के सहयोग से मृतक की बेटी ने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा किया। सिम्स के डॉक्टरों ने मृतक के घर पहुंचकर नेत्रदान को स्वीकार किया। बताते चलें कि सरकंडा निवासी जगदीश जुरयानी की एक दिन पहले मौत हो गयी है। जुरयानी 45 साल के थे। उन्होने जीवित रहते हुए सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अचानक मौते के बाद उनकी बेटी डिंपल ने पिता की अंतिम इच्छा की जानकारी हैण्ड्स ग्रुप को दी। हैण्डस ग्रुप के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नेत्रदान की प्रकिया में शामिल होकर मृतक की अंतिम इच्छा को अंजाम तक पहुंचाया।
                   हैण्डस ग्रुप टीम ने बताया कि जगदीश जुरयानी सामाजिक व्यक्ति थे। उन्होने हमेशा दुसरों के हित देखा। उन्होंने कई बार रक्तदान किया है। कई जरूरतमंदों को रक्त देकर जान बचाई है। उनकी बेटी डिंपल ने अपने पिता के  नेत्रदान की इच्छा जाहिर की थी। हैंड्स की टीम से अविनाश आहूजा और पंकज असरानी ने सिम्स के  डॉक्टर विवेक और बंसी मरकाम की टीम को लेकर जुरयानी के घर गए। इस दौरान सफल नेत्रदान करवाया गया। सिम्स के चिकित्सकों ने बताया कि हैंड्स ग्रुप ने अभी तक समाज हित में 225 वा नेत्रदान करवाया है।
                                  सिम्स की  डिप्टी एमएस ने बताया कि बिलासपुर शहर में लगातार लोग नेत्रदान के प्रति जागरूक हो रहे हैं। हैण्ड्स टीम ने इस दिशा में लोगों को जागरूक भी किया है। जुरयानी ने नेत्रदान कर शहर के लिए मिसाल पेश किया है। शहर के कुछ युवक लगातार लोगों के बीच आ जा कर नेत्रदान के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं। हर समाज के लोग नेत्रदान अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। धीरे-धीरे समाज में नेत्रदान को लेकर अंधविश्वास दूर हो रहा है।
             हैंड्स ग्रुप के सदस्यों ने बताया कि हम निरंतर इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे। लोगों के बीच जा कर नेत्रदान के प्रति फैली भ्रांतियों को खत्म करेंगे। हम तब तक इस मुहिम को आगे बढ़ाएंगे जब तक हर जरूरतमंदों को नेत्र ज्योति नहीं मिल जाती है।
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