फ़र्स्ट इयर मे प्रदेश के किसी भी कॉलेज में मिलेगा एड्मिशन

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1497रायपुर। उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने मंत्रालय में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और अग्रणी कॉलेजों के प्राचायों की बैठक ली। उच्च शिक्षा मंत्री पाण्डेय ने कहा कि नये शिक्षा सत्र से सभी सरकारी कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के ऑन लाइन दाखिले होंगे। इसके लिए विभाग द्वारा विशेष सॉफ्टवेयर ‘सेतु’ भी बनाया गया है। इसके साथ ही वर्तमान परम्परागत प्रक्रिया के अनुसार मेनुअल तरीके सभी प्रवेश की सुविधा रहेगी। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में लगभग आठ सौ अतिरिक्त कमरों का निर्माण रूसा एवं अन्य मदों से स्वीकृत किया गया है। जिसके तहत लगभग 10 हजार से अधिक बच्चों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही सरकारी कॉलेजों में स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष की कक्षा में प्रवेश के लिए जिले की पाबंदी समाप्त की गई है। अब विद्यार्थी राज्य के किसी भी जिले के सरकारी कॉलेज में अपने दाखिले के लिए आवेदन कर सकता है।

                         अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 75 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों में वाई-फाई हो चुके है। इस महीने के आखिर तक 15 कॉलेज और हो जाएंगे वाई-फाई।उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकारी कॉलेजों के द्वारा किया गया मूल्यांकन का प्रस्तुतिकरण किया। उच्च शिक्षा मंत्री श्री पाण्डेय ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह  के नेतृत्व  में राज्य सरकार ने कॉलेजों में शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने और इसके लिए रचनात्मक प्रतिस्पर्धा की भवना जागृत करने के लिए यह निर्णय लिया था। कॉलेज स्व-मूल्यांकन पद्वति से रैकिंग अथवा श्रेणीकरण के लिए प्रस्ताव लभभग पांच महीने पहले विगत 6 फरवरी को आयोजित अग्रणी कॉलेजों के प्राचार्यो और कुल सचिवों की बैठक में पारित किया गया था, जिसका अनुमोदन राज्य सरकार ने किया।

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                     प्रमुख सचिव डॉ. अग्रवाल ने बताया कि महाविद्यालयीन युवा जीवन कौशल विकास योजना के अन्तर्गत अंग्रेजी शिक्षा, कम्प्यूटर शिक्षा, समान्य कौशल विकास के संबंध में भी इस सत्र से लागू करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि जिस जिलों में अभी तक निविदा आमंत्रित नहीं की गई है, वे आगामी 20 तारीख तक निविदा संबंधी कार्रवाई पूर्ण कर लें। डॉ. अग्रवाल ने अग्रणी कॉलेजों के प्राचार्यो को निर्देशित किया कि कॉलेज की क्षमता के अनुसार ही विद्यार्थियों को दाखिले दें, क्षमता से अधिक दाखिला न दें।