अंतिम वेतन 50,640 रु. मासिक पेंशन 782 रुपये,NOPRUF ने सरकार से पूछा 782 रुपए में कैसे चलेगा परिवार?सुरक्षित भविष्य के लिए पुरानी पेंशन ही एकमात्र विकल्प

Chief Editor
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष व NOPRUF के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा ने बताया कि शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मोपका विकासखंड बिल्हा जिला बिलासपुर में पदस्थ शिक्षिका मीरा तिवारी जिनकी प्रथम नियुक्ति तिथि 22/12/ 1998 है व सेवानिवृत्ति तिथि 01/06/2019 है, NPS कटौती के तहत उनका प्रान नम्बर में कुल 3,64,132 रूपये राशि जमा हुआ था, जिसके बाद NPS योजना के तहत 60% राशि नगद भुगतान के प्रावधान के तहत नगद 2,21,409 (दो लाख इक्कीस हजार चार सौ नव रुपये) नगद प्राप्त हुआ, तथा शेष 40 % राशि शेयर मार्केट में लगने के बाद मासिक पेंशन राशि 782 (सात सौ बियासी रुपये ) मिला है,,ज्ञात हो कि शिक्षिका श्रीमती मीरा तिवारी जी का अंतिम वेतन 50,640 रुपये था,,इसी वेतन में पुरानी पेंशन योजना लागू होने पर पेंशन राशि लगभग 25 हजार से अधिक तय होता,,कर्मचारियो के लिए नई पेंशन एक अभिशाप बन गया है। CGWALL न्यूज़ के व्हाट्सएप ग्रुप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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किसी कर्मचारी की सेवा प्रारम्भ होने पर ही उसकी सेवा समाप्ति भी तय हो जाती है, किसी का 25 वर्ष, किसी का 20, 15, 10, 5 वर्ष सेवा शेष होगा, पर एनपीएस के दायरे में जो भी कर्मचारी होंगे, उनके अंतिम वेतन के बाद मासिक पेंशन उक्तानुसार ही तय होगा, अतः सभी को समझने की आवश्यकता है,,और सभी का संघर्ष पुरानी पेंशन के लिए होना चाहिए, क्योकि सेवानिवृति तो सभी की होगी, और ऐसा ही पेंशन निर्धारित होगा।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत जी व छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, प्रदेश सह संयोजक सुधीर प्रधान, वाजीद खान, हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि देश के 60 लाख व छत्तीसगढ़ के 3.50 लाख एनपीएस कर्मचारियो के सुरक्षित भविष्य व बुढ़ापे के लिए पुरानी पेंशन योजना ही एकमात्र विकल्प है,,और इसीलिए NOPRUF लगातार पुरानी पेशन बहाली के लिए संघर्षरत है।

प्रधानमंत्री टैक्स, राशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कई सेवा को देश मे एक बराबर रखना चाहते है, तो देश मे एक ही पुरानी पेंशन योजना रखना चाहिए, अभी देश व प्रदेश मे 2004 के पूर्व के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी जा रही है, वही 2004 के बाद देश व प्रदेश में नई पेंशन योजना लागू कर दी गई है।एक देश – एक विधान – एक निशान की बात की जा रही है, तो 2004 के बाद अभी भी नेताओ के लिए पुरानी पेंशन व कर्मचारियो के लिए नई पेंशन,,यह अलग अलग व्यवस्था क्यो है,?

अब स्पष्ट समझ मे आने लगा है कि नई पेंशन बुढ़ापे का सहारा नही है, इसीलिए 2004 के बाद भी विधायिका ने अपने लिए पुरानी पेंशन जारी रखा है, और कार्यपालिका के हिस्से में नई पेंशन को थोप दिया है, एक देश – प्रदेश में अलग अलग पेंशन योजना का विरोध जारी है।एक नेशन – एक पेंशन,,हमारा मिशन – पुरानी पेंशन के टैग लाइन के साथ पुरानी पेंशन की मांग लगातार जारी है। देश व छत्तीसगढ़ में समस्त विभाग के कर्मचारी, शिक्षक, लिपिक, स्वास्थ्य कर्मचारी, अधिकारी, रेलवे कर्मी, पुलिस कर्मी, बैंक कर्मी, पैरा मिलिट्री के जवानों के बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन के लिए लामबंद है.

छत्तीसगढ़ में 3.50 लाख कर्मचारियो के लिए पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रदेश संयोजक संजय शर्मा व वीरेंद्र दुबे की संयुक्त भूमिका में संघर्ष जारी है, आने वाले समय मे पुरानी पेंशन के लिए सभी को एकजुट कर संघर्ष किया जाएगा,,छत्तीसगढ़ के कर्मचारी व शिक्षक एनपीएस के जगह पुरानी पेंशन बहाली के लिए एकजुट होकर लगातार NOPRUF से जुड़ रहे है।उल्लेखनीय है कि एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है, जबकि शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है,,40 प्रतिशत को अनिवार्य रूप से वार्षिकी (एन्युटी) खरीदने के नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी एक पेंशन-योजना है, जिसे रिटायरमेंट सेविंग स्कीम कहा जाता है।

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