बिलासपुर।राजस्व अधिकारियों के लिए संभाग स्तरीय दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ आज यहां प्रार्थना सभा भवन में हुआ। कार्यशाला के पहले दिन संभाग के सभी जिलों से आये तहसीलदार, नायाब तहसीलदार, रीडर, कानूनगो, लिपिकों को राजस्व प्रकरणों की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया गया। दूसरे दिन रविवार को संभाग के सभी जिलों के सहायक कलेक्टर, अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम एवं उनके रीडर के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाएगा।सीजीवालडॉटकॉम की खबरे अब मोबाइल पर,सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने यहाँ क्लिक करे
संभागायुक्त श्री महावर को दी गयी भावभीनी विदाई-
इस अवसर पर संभाग आयुक्त टी सी महावर के स्थानांतरण पर उन्हें भावभीनी विदाई भी दी गई। श्री महावर ने कहा कि दो वर्षों में सभी का विशेष सहयोग मिला। मैंने जल संरक्षण के कार्यों में विशेष कार्रवाई की ।
इसके साथ ही कोशिश रही कि एक पेड़ लगाएं और एक पेड़ बचाएं की संकल्पना को लोगों तक पहुँचा सकूं। कलेक्टर डॉ संजय अलंग ने श्री महावर के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि वे बहुत अच्छे मार्गदर्शक और संरक्षक रहे।
विषम परिस्थितियों को पहले से पहचानकर उसकी तैयारी कर लेना एक कुशल राजस्व अधिकारी की क्षमता होती है और संभागायुक्त श्री महावर ने सभी अधिकारियों का कुशल मार्गदर्शन किया। अपर आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों ने भी श्री महावर के कार्यकाल को याद किया।
राजस्व अधिकारियों को बताई गईं बारीकियां-
संभागायुक्त टी सी महावर ने कार्यशाला में संबोधित करते हुए कहा कि अच्छा राजस्व अधिकारी होने के लिए अच्छा इंसान होना जरूरी है। यदि आपमें संवेदनशीलता होगी तो आप बेहतर तरीके से लोगों की समस्याओं का निराकरण कर पाएंगे। राजस्व अधिकारी प्रशासन की रीढ़ होते हैं।
राजस्व अमला ही सामान्य प्रशासन का संचालन करता है। जनसामान्य की अपेक्षा आप लोगों से अधिक होती हैं। इसलिए आपकी क्षमताएं अन्य विभाग के अधिकारियों से अधिक होनी चाहिए। आपको हमेशा याद रहे कि नियमों में रहकर ही आपको कार्य करना है।
आपका आचरण व्यवहार भी अच्छा होना चाहिए। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ संजय अलंग ने कहा कि समय समय पर राजस्व अधिकारियों का प्रशिक्षण आवश्यक है। बेहतर कार्य करने के लिए नियमों का ज्ञान आवश्यक है। आपको राजस्व रिकॉर्ड हमेशा अपडेट रखना चाहिये।
यदि रिकॉर्ड अपडेट नहीं है तो काम अच्छा नहीं माना जाता है। कार्यशाला में अपर आयुक्त सी एस डाहीरे, फरिहा आलम सिद्दीकी एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।