अजीत जोगी को जमानत से इंकार…FIR प्रक्रिया पर रोक लगाने से मना…विधायिकी सुरक्षित…कहा…शासन दस्तावेज पेश करे

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— हाईकोर्ट से अजीत जोगी को जाति के मामले में सुनवाई के दौरान आंशिक राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अजीत जोगी को जमानत देने से इंकार किया है। कोर्ट ने यथास्थिति को बहाला रखा है। मामले में सरकार की तरफ से महाधिवक्ता सतीशचंद वर्मा और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता,सुप्रीम कोर्ट के वकील सलमान खुर्शीद ने पैेरवी की। सुप्रीम कोर्ट वकील राहुल त्यागी ने जोगी का पक्ष रखा।
                 जोगी की जाति को लेकर जमानत याचिका पर हाईकोर्ट से आशिंक राहत मिली है। हाईकोर्ट ने  जाति मामले में सुनवाई के बाद जमानत याचिका पर फौरी तौर राहत देने से इंकार किया है। हाईकोर्ट ने  जमानत देने इंकार किया है। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 19 सितम्बर से नियमित रुप से होगी।
                                    महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने कहा है कि सुनवाई होने तक जोगी की विधानसभा सदस्यता नहीं जाएगी। जनता ने उन्हें चुना है। साथ ही कोर्ट ने शासन से जाति को लेकर एकत्रित दस्तावेज़ों पेश करने के लिए कहा है।
             बताते चलें कि हाईपावर कमेटी ने जोगी को आदिवासी नहीं माना है। छानबीन के बाद कमेटी ने एफआईआर दर्ज करने को कहा था। कमेटी के निर्देश पर प्रशासन ने जोगी के खिलाफ कार्रवाई शुरु की। सिविल लाइन थाना में कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस कप्तान के मार्गदर्शन में सिविल लाइन थाने अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। गिरफ्तारी से बचने अजीत जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
                         जानकारी हो कि जोगी की जाति को लेकर भाजपा नेत्री समीरा पैकरा, नंदकुमार साय और संत कुमार नेताम ने हस्तक्षेप याचिका खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होने के बाद संत कुमार नेताम ने बताया कि खिलाफ में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। कोर्ट में हाईपावर कमेटी की तरफ से सलमान खुर्शीद और राज्य शासन की तरफ से महाधिवक्ता सतीशचंद वर्मा ने पैरवी की है। मामले में सुनवाई न्यायाधीश पी.सैम.कौशी की अदालत में हुई।
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