अजीत जोगी जाति का मामलाः छानबीन कमेटी के फैसले को हाईकोर्ट में दे रहे चुनौती – अमित जोगी

Chief Editor
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बिलासपुर । पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के मामले में उच्च स्तरीय छानबीन समिति के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रहे हैं। यह जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक अमित जोगी ने कहा कि इस मामले में छानबीन समिति मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कहने पर काम कर रही है और नियमों का पालन नहीं किया गया है।
बिलासपुर में पत्रकारों से बात करते हुए अमित जोगी ने  कहा कि २४ घंटे बड़ी मशक़्क़त के बाद, 24 अगस्त को हमें आदेश की कॉपी मिली ।  जिसका रात भर अध्ययन  करने के बाद मैं तीन बातें आपके सामने रखना चाहता हूँ ।   पहला यह कि 9 और 10 मई 2019 को, जब मेरे पिता अजीत जोगी  अस्पताल में भर्ती थे और  जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे थे । इस फ़र्ज़ी समिति द्वारा जोगिसार, सारबाहरा और तालापारा गाँवों से उनके विरोध फ़र्ज़ी दस्तावेज़ी और मौखिक चीज़ें तथाकथित साक्ष्य के रूप में इकट्ठी की गई। हमारे अनेकों आवेदनों के बात आज तक ये चीज़ें हमें दिखाई तक नहीं गई है।
दूसरी बात यह है कि हमारे पक्ष में 2 अक्टूबर 2018 को जोगिसार ग्राम सभा के हज़ारों लोगों ने उपस्थिति दर्ज करके ये सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था कि अजीत जोगी   और उनके पूर्वज कँवर जनजाति के हैं। इसे सुश्री समीर पैकरा और  संत कुमार नेताम के निवेदन पर न जाने कब ग्राम पंचायत के सचिव ने ख़ारिज कर दिया। छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम में ग्राम सभा सर्वोपरि है और ग्राम पंचायत को उसकी किसी भी कार्यवाही को ख़ारिज करने का अधिकार प्राप्त नहीं है। फ़र्ज़ी समिति ने एक ग़ैरक़ानूनी दस्तावेज़ के आधार पर एक वैधानिक प्रस्ताव को ख़ारिज कर अपनी मंशा और अपने राजनीतिक मालिकों की बददिमाग़ी का प्रमाण दिया है।
उन्होने तीसरी बात यह कही कि  भाजपा प्रत्याशी सुश्री समीर पैकरा के मेरे विरुद्ध चुनाव याचिका को ख़ारिज करते समय  उच्च न्यायालय ने 30 जनवरी 2019 को आदेश किया था कि संविधान और अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 किसी को भी मेरी कँवर जनजाति छीनने  का अधिकार नहीं देता। भूपेश  बघेल की फ़र्ज़ी समिति की सबसे बेतुकी और हास्यास्पद दलील यह रही कि उच्च न्यायालय का ये आदेश केवल अमित जोगी पर लागू होगा, उनके पिता जी पर नहीं!  अमित जोगी ने कहा कि आज तक बेटे की जाति बाप के नाम से जानी जाति थी लेकिन फ़र्ज़ी समिति स्वामीभक्ति में विलीन होकर उलटी गंगा बहाने लगी है।
अमित जोगी ने कहा कि इन सब बातों को लेकर क़रीब 55 अन्य आधारों के साथ आज हम पूर्व में उच्च  न्यायालय में इस सम्बंध में प्रक्रिया सम्बंधी याचिकाओं को वापस लेते हुए छानबीन समिति के इस आदेश को  उच्च न्यायालय में चुनौती देने जा रहे हैं। न्यायपालिका पर हमारा पूरा भरोसा है कि हमारे साथ अन्याय नहीं होगा।
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