रायपुर—नगरनार इस्पात संयंत्र के विनिवेश के फैसले के विरोध में जगदलपुर में छजकां नेताओं की बैठक हुई। बैठक को अजीत जोगी ने रायपुर से संबोधित किया। महाबैठक में भाजपा के पूर्व सांसद सोहन पोटई, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, गुंडरदेही विधायक आरके राय, पूर्व विधायक डोमेन्द्र भेड़िया, सर्वआदिवासी समाज, किसान मंच, आम आदमी पार्टी, प्रभावित आठों गाँवों के पंचायत नेताओं ने शिरकत किया। इस दौरान नगरनार संयत्र के विनिवेश के विरुद्ध सभी ने एकजुटता के साथ जनांदोलन का निर्णय लिया। महाबैठक में ये तय किया गया कि 21 नवंबर को जगदलपुर में महाधरना का आयोजन किया जाएगा।
नीति आयोग के अनुशंसा पर नगरनार में बनाए जा रहे इस्पात संयंत्र में विनिवेश का छजकां नेता अजीत जोगी ने विरोध किया है। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस संस्थापक अजीत जोगी ने कहा कि युवाओं को रोजगार, क्षेत्र का समग्र विकास और बस्तर को आगे करने के लिए उन्होने इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए विशेष प्रयास किया था। बस्तर में लौह अयस्क के प्रचुरता के कारण प्लांट को लगाने की अनुमति प्राप्त की। मेरे शासन काल में सभी आवश्यक सहमति प्राप्त कर जमीन उपलब्ध कराया गया । क्षेत्र की जनताओं ने भी मेरे अपील पर कि एनएमडीसी कम्पनी पर भरोसा कर जमीन दी। जनता को धोखा देकर केन्द्र और राज्य सरकार ने प्लांट को बेचने की तैयारी की है । इसके पूर्व भी भाजपा की सरकार ने ही अपने चहेतों को बालकों प्लांट को कौड़ियों के मोल बेचा था।
जोगी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बस्तर में नक्सलवाद की समस्या की जड़ में मुख्य रूप से बस्तर के साथ विकास के नाम पर धोखा है। बस्तर के नक्सलवाद की समस्या को रोजगार और विकास के साथ हल किया जा सकता है ।जोगी ने कहा कि बस्तर के कोने कोने और घर-घर जाकर नगरनार स्टील प्लांट बचाने के लिए क्षेत्र की आम जनता से अपील करेंगे। शासकीय सम्पत्ति को बेचने नहीं दिया जाएगा।