बिलासपुर—कांग्रेस नेताओ ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ” दावे और वादे ” पर चल रही है। सरकारी विभागों में सरकार का नियंत्रण नहीं है। मंत्रियों की सुस्त कार्यशैली से प्रदेश की जनता हलाकान है। हर तरफ अरजकता का बोलबाला है। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है।
प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि बारिश से जिम्मेदार विभागों को बतौर सावधानी जो कदम उठाए जाने चाहिए थे…नहीं उठाए गए। जिसके कारण लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं। सीपत के दर्राभाठा, पेंड्रा, बिलासपुर में एक सप्ताह से डायरिया प्रकोप है। लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। कागजो में हॉस्पिटल,स्वास्थ्य सेंटर,डॉक्टर ,नर्स और दवाई है तो जरूर लेकिन जमीन पर कुछ नहीं है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत पिछड़ा है।
अटल ने बताया कि सिम्स और जिला हॉस्पिटल की दशा और मरीजो की दुर्दशा किसी से छिपी नही है । ग्रामीण क्षेत्रो में दहशत है । दर्राभाठा में लगभग 150 से अधिक लोग डायरिया से जूझ रहे हैं। प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग,पीएचई, पंचायत विभाग और एनटीपीसी की कार्यवाही अपर्याप्त है। पंचायत और पीएचई ने तो हैंड पम्प के पानी को स्वच्छ घोषित कर दिया है । लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
सच्चाई तो यह है कि डायरिया में कमी के बजाय वृद्धि हो रही है । प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक लोग बीमार पड़ रहे है । रमन सिंह और उनके मंत्री मंडलीय सहयोगियो के दावे और वादो पर विश्वास करना मुश्किल हो गया है। ऐसे दावे और वादों पर बलैया। यह जानते हुए भी डायरिया ,हैजा, जैसी बीमारियां बरसात में आम बात है। लेकिन सरकर और विभाग बीमारी फैलने का इंतजार करता हैं। जबकि विभागों को समय से रहते रोगों के रोकथाम की व्यवस्था करना जरूरी है। ताकि लोगों को संभावित वीमारियों से बचाया जा सके।
देश के प्रधानमंत्री स्वच्छता का अलख जगा रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में डायरिया से लोग मर रहे हैं। इसका सीधा मतलब सरकार और प्रशासन स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह से गंभीर नहीं है।
अटल ने बताया कि बिलासपुर शहर के निचले क्षेत्र ,अरपा के आस पास डायरिया की संभावना हमेशा बनी रहती है । तोरवा, बापू नगर,दयालबंद,कतिया पारा ,जुनाबिलसपुर, गोंडपारा ,चांटापारा ,चांटीडीह,चिंगराजपारा कुद्दुदण्ड में जल जनित बीमारी हर साल का किस्सा है। जाहिर सी बात है कि यहां पानी का ठहराव होता है। लोगों को पीने का साफ पानी भी नहीं है। स्वास्थ्य और निगम को प्रत्येक वार्ड में जल परीक्षण कर शुद्ध जल उपलब्ध कराने की जरूरत है। अटल ने कहा कि वार्डों में टैक्स वसूलने के लिए कार्यालय खोला जा सकता है तो निगम प्रशासन लोगों की सुविधाओं के लिए वार्ड क्लिनिक भी तो खोला जा सकता है।