अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि निदेशक (वित्त) ए.पी. पण्डा ने कहा ने कि भारत बहुभाषा-भाषी राष्ट्र है। लेकिन हिंदी भारत की एकता का प्रतीक है। हम सबको एक-दूसरे से आपस में जोड़ती है। हमें अधिकाधिक हिन्दी में बिना झिझक वार्तालाप व कार्यालयीन कार्य करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा संख्या में हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना चाहिए। इस दौरान मुख्य अतिथि ने प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद भी जाहिर किया।
निदेशक (कार्मिक) डाॅ. आर.एस. झा ने कि कार्य में हिंदी को अपनाएॅं। अधिकारियों-कर्मचारियों और सहयोगियों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रेरित भी करें। झा ने हिन्दी पखवाड़े के दौरान प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को बधाई दी । भविष्य में अधिक से अधिक हिन्दी प्रयोग करने को कहा।
निदेशक तकनीकी (संचालन) श्री कुलदीप प्रसाद ने कहा हिंदी के प्रति अपने रूझान को साल भर रखें। कोलइण्डिया में उत्पादन-उत्पादकता के साथ अन्य चीजों के समान एसईसीएल हिन्दी पत्राचार में भी अव्वल रहे।
मुख्य सतर्कता अधिकारी बी.पी. शर्मा ने कहा हिन्दी सहज, सरल भाषा है। अधिकाधिक कार्यालयीन कायों में उपयोग किया जाए। महाप्रबंधक (उत्पादन) आर.के.निगम ने कहा कि हम ’’क’’ क्षेत्र में आते हैं अतः हमें अधिकाधिक कार्य हिन्दी में करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि ने प्रतियोगिताओं के सफलतापूर्वक आयोजन पर महाप्रबंधक (कार्मिक-प्रशासन)/मुख्य नोडल अधिकारी (राजभाषा) और मुख्य प्रबंधक (का.-प्रशा/जनसंपर्क/राजभाषा) पी. नरेन्द्र कुमार एवं राजभाषा की टीम को बधाई दी।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि के हाथों पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।