बिलासपुर—एक दिन पहले ससुराल वालों से परेशान होकर नेहरू चौक पर बैठी तोरवा महिला निवासी की शौच जाते समय बेहोश हो गयी। महिला को लोगों ने आनन फानन में सिम्स में उपचार के लिए भर्ती कराया। लेकिन उसने अनशन तोड़ने से इंकार कर दिया है। महिला ने बताया कि सिन्धी पंचायत के लोग लगातार दबाव बनाकर अनशन तोड़वाना चाहते हैं। लेकिन न्याय जब तक नहीं मिलता है वह मर जाना पसंद करेगी लेकिन अनशन नहीं तोड़गी। इधर पुलिस का कहना है कि मामला कुटुम्ब न्यायालय में चल रहा है इसलिए हमारे हाथ बंधे हैं।
एक दिन पहले तोरवा निवासी कशिश माखिजा ससुराल वालों की प्रताड़ना से परेशान होकर नेहरू चौक पर अनशन पर बैठी। महिला ने ससुराल वालों खासकर पति,मामा ससुर और देवर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। महिला ने बताया कि शादी के बाद से उसे लगातार परेशान किया जा रहा है। एक साल पहले बेटा समेत उसे घर से बाहर निकाल दिया। गुहार लगाने पुलिस के पास गयी। कलेक्टर से भी शिकायत की। लेकिन कहीं से भी न्याय नही मिला। कशिश ने जानकारी दी कि घर से निकाले जाने के बाद खाना और रहने के लिए दर दर भटक रही है। बेटा का पेट भी भरना मुश्किल हो गया है।
कशिश ने आरोप लगाया है कि पति आकाश माखिजा और मामा श्वसुर दिलीफ निभानी समेत देवर डायन कहता है। साथ ही उस जादू टोना करने का भी आरोप लगाता है। दुर्ग में भी मुझ पर डायन और टोनही होने का आरोप लगाया है। जिसके चलते उसका जीना मुश्किल हो गया है। बेटा प्रिंस को लगातार जान से मारने की धमकी और अपरहण करने की धमकी दी जाती है। ऐसे में उसने पुलिस और प्रशासन का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन कुछ नहीं हासिल हुआ।
कशिश ने पुलिस के आरोप को गलत बताया कि मामला कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग में चल रहा है। आकाश माखिजा विवाह को शून्य करने का आवेदन किया है।
आज सुबह जब कशिश शौच के लिए जा रही थी उसी समय वह बेहोश होकर सड़क पर गिर पड़ी। लोगों ने आनन फानन में कशिश को सिम्स में भर्ती कराया। होश में आने के बाद कशिश ने कहा कि सिन्धी पंचायत के बड़े बुजुर्ग अनशन तोड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं। उनका दावा है कि इतिहास में पहली बार सिन्धी समाज की कोई महिला अनशन पर बैठी है। इससे समाज की बदनामी हो रही है। कशिश ने कहा जब तक उसे और उसके बेटे को न्याय नहीं मिलता है अनशन नहीं तोड़ेगी।