अनूठी प्रतियोगिता में मास्टर रूद्रांश की जीत…दादा ने लिया अवार्ड…आयोजकों ने कहा…समग्र विकास के लिए आयोजन जरूरी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— प्रदेश के अन्य क्षेत्रोि की तरह बिलासपुर में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने उपवास रहकर कान्हा के प्रति आस्था जाहिर की। बंद कमरे से लेकर खुले सड़क तक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। लोगों ने ढोल ताशे के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का स्वागत कर अपनी खुशियों को जाहिर किया। इसी क्रम में घोंघा बाबा मंदिर स्थित परिसर में बच्चों के बीच बाल कान्हा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
                                              प्रतियोगिता में 11 महीने के रूद्रांश ने कान्हा बनकर ना केवल लोगों का दिल जीता। बल्कि अपने दादा दादी और माता पिता का नाम भी रोशन किया। बताते चलें कि बच्चों के बीच जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर घोंघा बाबा मंदिर में 0 से 3 साल के बच्चों के बीच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में करीब 45 से अधिक बच्चों ने शिरकत किया।  बताते चलें कि नन्हें मासूम बच्चों केे बीच यह अपनी तरह की अनूठी प्रतियोगिता थी।
                  प्रदेश और जिलों के अन्य क्षेत्रों की तरह घोंघा बाबा मंदिर परिसर में बाल कान्हा प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में शहर के नामी गिरामी परिवार के बच्चों ने शिरकत किया। कार्यक्रम में कुल 0 से तीन साल के उम्र में कुल 45 से अधिक बच्चों ने शिरकत किया। अपनी तरह की इस अनुठी प्रतियोगिता में 11 महीने के मास्टर रूद्रांश की गतिविधियों ने लोगों को ना केवल ध्यान आकर्षित किया। बल्कि प्रतियोगिता में पहले स्थान हासिल कर माता पिता और दादा दादी का नाम भी रोशन किया।
             प्रतियोगिता का आयोजन परंपरागत तरीके से किया गया। इस  दौरान कृष्ण – राधा, गोप-गोपियों ने दही हांडी और मटका फोड़ कर जमकर जश्न मनाया। कार्यक्रम में पहला स्थान हासिल करने पर उपस्थित लोगों ने नन्हा कान्हा रूद्रांश समेत उनके परिजनों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का आयोजन समिति अध्यक्ष ललित अग्रवाल की अगुवाई में किया गया। इस दौरान पायल लाठ, रेशु चौधरी, मोनिका अग्रवाल,  रानी शुक्ला, निशा अग्रवाल, नेहा राजपूत, सुषमा अग्रवाल, भावना ठाकुर के अलावा शहर समेत समिति के गणमान्य लोग शामिल हुए।
                 बाल कान्हा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करने वाले मास्टर रूद्रांश के दादा ललित अग्रवाल ने  पुरस्कार लिया।
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