बिलासपुर— प्रशासनिक भवन में जब कुलपति अंजिला गुप्ता पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। ठीक उसी समय बाहर छात्र परिषद नेता कुलपति के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकार वार्ता के बाद छात्र नेताओं ने बताया कि कुलपति की छात्र परिषद के किसी भी प्रतिनिधि से बातचीत नहीं हुई है। उन्होने दीक्षांत समारोह से छात्र परिषद ही नहीं बल्कि अन्य गोल्डमेडलिस्टों को भी दूर रखा है। छात्र नेता सचिन गुप्ता ने बताया कि दरअसल कुलपति अंजिला गुप्ता ने पत्रकारों को सवाल का जवाब झूठ में दिया है। हम समारोह का विरोध अंत तक करेंगे।
अन्दर जब कुलपति अंजिला गुप्ता पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रही थी। ठीक उसी समय प्रशासनिक भवन के बाद छात्र परिषद के नेता और पदक प्राप्त करने वाले स्टूडेन्ट कुलपति के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
छात्र परिषद के नव निर्वाचित अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय में कुछ चुनिंदा लोगों पर ही कुलपति का आशीर्वाद हासिल है। हम लोगों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। यही कारण है कि कुलपति हम लोगों को दीक्षांत समारोह से दूर कर दिया है। जबकि कार्यक्रम छात्रों का है। यहां छात्र परिषद की भूमिका बड़ी होती है। लेकिन कुलपति ने हमे राष्ट्रपति से मिलने से दूर रखा है।
सचिन गुप्ता ने बताया कि पत्रकार वार्ता में कुलपति ने झूठ बोला है। हमें उन्होने पिछले एक सप्ताह से मिलने का समय नहीं दिया है। यह कहना की हम लोग उनसे मिले हैं। सरासर झूठ है। उन्होने पत्रकारों को गलत झानकारी दी है कि हमें राष्ट्रपति के कार्यक्रम में स्थान दिया गया है।
सचिन गुप्ता ने बताया कि हम कुलपति से मिलकर राष्ट्रपति से मिलने का गुजारिश करना चाहते हैं। लेकिन उन्होने राष्ट्रपति कार्यक्रम में शामिल करना तो दूर बल्कि खुद से मिलने का समय नहीं दिया है। यह कहना कि हमसे बातचीत की है..इस बात में किसी प्रकार की सच्चाई नहीं है।
सचिन ने बताया विश्वविद्यालय में सड़क नहीं है…ठीक से पेयजल की व्यवस्था नहीं है। बस की कमी है। लेकिन ढाई करोड़ का डोम और डेढ़ करोड़ का गेट निर्माण किया गया है। इस बात को हम राष्ट्रपति के सामने रखना चाहते हैं। लेकिन कुलपति ने मिलने का मौका नहीं दिया।
सचिन ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि छात्र परिषद को कुलपति ने मजाक बनाकर रख दिया है। 1 फरवरी को चुनाव हो चुका है। 22 दिन का ग्रेवांस पीरियड खत्म हो चुका है। लेकिन अभी तक शपथ नहीं कराया गया है। एक अप्रैल को छात्र परिषद का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। यह नाटक नहीं तो और क्या है।
सचिन ने कहा कि यदि हमें राष्ट्रपति से मिलने का मौका नहीं मिला तो हम सभी गोल्डमेडलिस्ट पदक लौटाएंगे। ऐसा कर हम अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पूर्व छात्र परिषद नेता उदयन शर्मा ने कहा कि हम राष्ट्रपति का विरोध नहीं कर रहे है। हमारा विरोध दीक्षांत समारोह से भी नहीं है। लेकिन भ्रष्टाचार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ हमारी नाराजगी जरूर है।