बिलासपुर—घरों से निकलने वाले कूड़ा-कचरा एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों का उचित तरीके से निष्पादन आज की महती आवश्यकता है। इससे गांव साफ-सुथरा एवं ग्रामीण स्वस्थ होंगे। कलेक्टर अन्बलगन पी ने आज स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्थानीय पंचायत प्रशिक्षण केन्द्र में ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों का उचित निष्पादन पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
कलेक्टर अन्बलगन पी ने कहा कि हम प्रतिदिन स्वयं अपने घरों से कितना कूड़ा-कचरा का निष्पादन करते हैं, इसका आंकलन करना जरूरी है। इसी तरह प्रतिदिन नहाने, कपड़ा धोने, कार धोने एवं घर के गार्डन में वर्तमान उपलब्ध पीने का पानी का उपयोग बड़ी बेदर्दी से करते हैं। इस पर विराम लगाना एवं व्यर्थ पानी को पुनः उपयोग के लिए बनाना आज की परिदृश्य में अत्यंत आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को लेकर आज इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में जो सिखने को मिलेगा, उसे केवल अपने तक ही सीमित न रखें। बल्कि अपने गांव, समाज में व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को लाभान्वित करें। इससे संबंधित ग्राम पंचायते साफ-सुथरा एवं वहां के ग्रामीण स्वस्थ रहेंगे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने कहा कि ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त करने के साथ-साथ ग्रामों के ठोस एवं तरल पदार्थ का उचित निपटान भी आवश्यक है। इसी के मद्देनजर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। प्रथम चरण में मरवाही (मरवाही), बकरकुदा-मस्तूरी और महतराई- बिल्हा ग्राम पचांयतों का सर्वें कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर शासन की स्वीकृति हेतु भेजा किया जायेगा। इसके बाद अन्य खुले में शौच मुक्त पंचायतों का भी डी.पी.आर. तैयार कर शासन को भेजा जायेगा।
कार्यशाला में समस्त विकासखण्डों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, कार्यपालन अभियंता एवं सहायक अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उपस्थित रहे।
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