अपोलो का आपातकालीन सेवा में मिसाल…डॉक्टरों ने बताया..स्किल ,विश्वास और समय प्रबंधन से मिली सफलता

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—चिकित्सकीय कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका वाली नर्सों के लिए वार्षिक राज्य nursicon 2019 का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान बताया कि जीवन अत्यधिक कीमती है। किसी का जीवन बचाने से अधिक कोई दूसरा पुण्य का काम हो ही नहीं सकता है। छत्तीसगढ राज्य में आकड़े बताते है कि प्रति वर्ष लगभग 4200 की मौत का कारण ट्रामा है। यह आकड़ा सड़क यातायात दुर्घटना की दर से 11वें स्थान पर है। लगभग 70 प्रतिशत मामलें 45 वर्ष से काम आयु के हैं। कुशल हेल्थ केयर पर्सन की उपलब्धता और योग्यता ट्रामा में कई लोगों की जान बचा सकती है। यह जानकारी अपोलो चिकित्सकों ने एक कार्यक्रम के दौरान दी।

                         अपोलो चिकित्सकों ने बताया कि गैर संक्रामक बीमारीयां लगातार बढ रही है। इनमें हार्टअटैक, ब्रेन स्ट्रोक और अस्थमा जैसी सांस की बीमारी प्रमुख हैं। बीमारियों के उपचार का सुखद परिणाम समय प्रबंधन और स्वास्थ्य कर्मियों के कौशल से संभव है। बाल आपातकालीन और प्रसूति संबंधी आपातकाल बहुत अच्छे परिणाम दे सकते हैं। इमरजेंसी मेडिसीन इंडिया सेमाई छत्तीसगढ चैप्टर कुशल कर्मियों को विशेष रूप से नर्सिंग और डॉक्टरो को प्रशिक्षित करने की दिशा में काम कर रहा है।

                                           प्रेसवार्ता में चिकित्सकों ने बताया कि इन दिनों एकल परिवार का चलन है। जहां मदद के लिए हाथ उपलब्ध नहीं होते हैं। ऐसे में कुशल सामुदायिक नर्स की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी मेडिसीन इंडिया सेमाई के लिए समाज कुशल मैन पावर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सम्मेलन इस दिशा में एक प्रयास है ।

              बताया गया कि अपोलो अस्पताल  के साथ सेमाई सीजी ने 4500 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है। छत्तीसगढ राज्य के लिए आपातकालीन चिकित्सा कार्यक्र्र्रम का श्रेय अपोलो अस्पताल को जाता है। पिछले 18 वर्षां से अपोलो ने  जीवनरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। प्रशिक्षित सलाहकारों और समर्पित आपातकालीन चिकित्सकों के साथ बेहतर परिणाम दिया है। आपातकालीन चिकित्सा विभाग ने 3,50, 000 से अधिक आपात स्थितियों में ईलाज किया है। उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता के साथ अपोलो में छत्तीसगढ राज्य में सबसे अच्छा आपातकालीन विभाग है। आपातकालीन चिकित्सा विभाग में डॉक्टरों और नर्सों के प्रशिक्षण के लिए पूर्णकालीन पाठयक्रम है।

                  सम्मेलन में डॉ जेना ने 5 टी यानी टॉक, टच, ट्रीट, टूगेदरनेस और टीम वर्क के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ये 5टी ट्रामा मे सफल उपचार की कुजी है। सीओओ डॉ सजल सेन ने कहा कि ट्रामा के मामलों का उचित उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। नर्सो ऑैर डॉक्टरों की जिम्मेदारी बनती है कि रोगी को महसूस कराए कि सुरक्षित हाथों में है। डॉ नरेन्द्र नाथ जेना अध्यक्ष, अखिल भारतीय आपातकालीन चिकित्सक संघ, मदुरै, डॉ हेमंत चटर्जी आईएमए अध्यक्ष बिलासपुर। डॉ सजल सेन सीओओ अपोलो अस्पताल बिलासपुर, डॉ ए बी भट्टाचार्य, डॉ मनोज राय, डॉ कल्पना दास, डॉ पी पी मिश्रा, डॉ अमन षर्मा, और सभी वरिठ सलाहकार अपोलो अस्पताल बिलासपुर ने प्रेस कॉफ्रन्स को संबोधित किया ।

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