बिलासपु । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जनता काँग्रेस छत्तीसगढ जे के सुप्रीमो अजित जोगी पर कल रात बिलासपुर सिविल लाईन थाने मे हुई एफआईआर की कार्यवाही के एक और घटनाक्रम सामने आया है।इस कार्रवाई को असंवेधानिक करार देते हूए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने कार्यकर्ताओ के साथ सिविल लाईन थाने जाकर ज्ञापन दिया । साथ ही उच्च न्यायालय के उस आदेश की कापी भी दी जिसमे उनसे उनकी कंवर जनजाति के अधिकार को नही छी न सकने के साफ निर्देश न्यायालय ने दिए थे।अमित जोगी ने अपना जाति प्रमाण पत्र भी संलग्न कर उसे खारिज करने और र पहले उनपर एफआईआर दर्ज करने कहा।
अमित जोगी ने कहा की भाजपा प्रत्याशी सुश्री समीरा पैकरा के मेरे विरुद्ध चुनाव याचिका को ख़ारिज करते समय उच्च न्यायालय ने 30जनवरी 2019 को कंडिका 60 में आदेश किया था कि संविधान और अनुसूचित जनजाति आदेश 1950किसी को भी मेरी कँवर जनजाति छीनने का अधिकार नहीं देता।
मुख्यमंत्री पेश बघेल द्वारा गठित राज्य स्तरीय जाति प्रमाणीकरण उच्च स्तरीय छानबीन समिति के 23 अगस्त को मेरे पिता जी अजीत जोगी की जाति निरस्त करने वाले आदेश में सबसे बेतुकी और हास्यास्पद दलील उसकी कंडिका 12 (xii) में यह दी गई है कि उच्च न्यायालय का ये आदेश केवल अमित जोगी पर लागू होगा,उनके पिता जी पर नहीं! आज तक बेटे की जाति बाप के नाम से जानी जाती थी । लेकिन समिति के सदस्य स्वामी भक्ति में विलीन होकर उलटी गंगा बहा रहे हैं। कल रात मेरे पिता जी अजीत जोगी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करके आप भी इस उलटी गंगा के प्रवाह में भागीदार बन चुके हैं।
उऩ्होने कहा कि जिस प्रकार से भूपेश सरकार ने उच्च न्यायालय के फ़ैसले को एक प्रशासनिक आदेश के माध्यम से ख़ारिज करने का असंवैधानिक दुष्प्रयास किया है । मुझे कोई संदेह नहीं है कि अब छत्तीसगढ़ में भारत के संविधान, विधान और क़ानून के राज की जगह भूपेश बघेल का अन्धाराज स्थापित हो चुका है।
अमित जोगी ने अफने त्रापन में निवेदन किया है कि आप भूपेश बघेल के राज द्वारा लिए फ़ैसले के परिपालन में उच्च न्यायालय के आदेश को ताक में रखते हुए मेरा भी जाति प्रमाण पत्र को ख़ारिज कर मेरे विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज करें । उनके साथ छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विश्वंभर गुलहरे व विक्रांत तिवारी के साथ पार्टी के लोग शामिल थे।