अब कोर्ट के निर्देश का होगा पालन—बसंत शर्मा

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—मुझे छात्र संघ चुनाव से कोई एतराज नहीं है। और ना ही चुनाव विरोधी ही हूं। यदि चुनाव सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश और लिंगदोह की सिफारिश के अनुसार हो तो विरोध का सवाल ही नहीं उठता है। मैने अपने कालेज की स्थिति को बिलासपुर विश्वविद्यालय को मौखिक और लिखित रूप से रखा था। लेकिन मेरे निवेदन को तवज्जों नहीं दिया गया।

                       कार्यपरिषद ने सितम्बर में चुनाव कराने का निर्देश दिया था। लेकिन कालेज की स्थिति ऐसी नहीं है कि सितम्बर में चुनाव कराया जा सके। अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही जो कुछ निर्णय लिया जाएगा। मंजूर होगा। ये बातें सीजी वाल से चर्चा के दौरान  डीएलएस कालेज के चेयरमेन बसंत शर्मा ने कही।

                     डीएलएस कालेज में चुनाव क्यों नहीं हुआ के प्रश्न पर बसंत शर्मा ने कहा कि कालेज का वातावरण चुनाव के लायक नहीं था। इस बात से मैने बिलासपुर विश्वविद्यालय कुलपति के सामने लिखित और मौखिक रूप से लाया था। चुनाव के एक दिन पहले डीएलएस कालेज में मारपीट हुई। एक लड़की के साथ कुछ लोगों ने बदतमीजी किया। इस स्थिति में कालेज में चुनाव संभव नहीं है।

                      बसंत शर्मा ने बताया कि लिंगदोह रिपोर्ट को आधार मानते हुए ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के आदेश दिये हैं। रिपोर्ट में तीन शर्ते प्रमुख हैं जिसे आधार बनाकर विश्वविद्यालय को चुनाव कराना था। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रबंधन को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा कि छात्र संघ चुनाव शांति माहौल में बिना किसी राजनीति और राजनेताओं के दखलंदाजी से हो। लेकिन डीएलएस में एक दिन पहले जो कुच हुआ उस माहौल में चुनाव संभव नहीं था। बावजूद इसके बिलासपुर विश्वविद्यालय ने चुनाव का एलान किया। जिसके कारण मुजे कोर्ट के शरण में जाना पड़ा।

                       वसंत शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार यदि कालेज में किसी प्रकार की बाधा या चुनाव कराने के हालात नहीं हैं तो मेरिट लिस्ट के आधार चुनाव की बात कही गयी है। मैं दोनों के लिए राजी हूं। लेकिन मेरी बातों को विश्वविद्यालय ने नजर अंदाज किया। इसलिए अब चुनाव किस प्रकार होगा। कोर्ट ही तय करेगा। वसंत शर्मा के अनुसार हमने कुलपति से जानना चाहा था कि चुनाव किन परिस्थियों में होना चाहिए। इसके जवाब में बिलासपुर विश्वविद्यालय ने लिखित जवाब में बताया कि हमारे पास चुनाव किन परिस्थितियों में कराया जाए का कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है।

                      डीएलएस चेयरमैन के अनुसार लिंगदोह रिपोर्ट में चुनाव कराए जाने की शर्तें और परिस्थितियों दोनों ही स्पष्ट है। जिसके आधार पर डीएलएस में माहौल ठीक होने तक चुनाव नहीं कराए जाने का निवेदन किया था। क्योंकि एक दिन पहले कालेज में जो कुछ हुआ उससे कालेज में कम से कम चुनाव का माहौल नहीं था।

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